Author: पी.एम. जैन
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शांति, शाश्वत आनन्द के लिए सभी पूर्वाग्रहों, दुराग्रहों से मुक्त हों -महावीर, डॉ. निर्मल जैन (से.नि.न्यायाधीश)
तीर्थंकर महावीर का निर्वाण कल्याणक महोत्सव अहिंसा और अपरिग्रह के आलोक में जीव, दया, करुणा समेटे समानता और शांति के ऐसे उजाले की कल्पना है जो सहज रूप ... -
खण्डग्रास चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023 सम्पूर्ण भारत देखा दिखाई
टोंक। खण्डग्रास चंद्रग्रहण आश्विन शुक्ला पूर्णिमा शनिवार 28 अक्टूबर सन 2023 को घटित होगा। चन्द्रोदय के समय यह ग्रहण सम्पूर्ण भारत में शुभारंभ से अन्त तक ... -
षड्यंत्रकारियों की लीला से तो कुबेर देवता भी हैरान हैं-पारसमणि जैन
आज समाज को नरक और पाप का भयंकर भय समझाकर खूब लूटा जा रहा है, जरा विचार कीजिए जो लोग जनता को पुण्य और पाप समझा ... -
कमंडलों ने समाज में फैला डाले सैकड़ों मंडल- पी.एम.जैन
आज कुछ कमंडलधारियों ने मंडलों के माध्यम से समाज में कुछ ऐसा आपसी विद्रोह फैला दिया है कि देश और समाज में शांति की बात तो ... -
जाग बन्धु जाग और *जरा सोच-विचार*-पी.एम. जैन
समाज में नवनिर्मित मठ-मंदिर मत बनाओ जो बनें हैं उन्हें बचाओ का आंदोलन शुरू होना चाहिए तभी हमारी समाज का पैसा तितर-बितर होने से बचेगा और ... -
जैन तीर्थ नैनागिरि में फिर टूटे ताले
नैनागिरि, सागर, 27 सित. दिनांक 26-27 सितम्बर की रात्रि चोरों ने श्री जैन तीर्थ क्षेत्र नैनागिरि म.प्र. के पर्वत पर स्थित मंदिर मंदिर संख्या 33 के ... -
महर्षि बाबूलाल शास्त्री जयपुर में वैदिक संस्कृति संरक्षक एवं महामहोपाध्याय पंडित राजेन्द्र शास्त्री पाण्डेय सम्मान से सम्मानित
टोंक। श्री वेदांमृतम संस्थान जयपुरफाउण्डेशन जयपुर, अन्तर्राष्ट्रीय वेद ज्योतिष विज्ञान शोध संगोष्ठी की ओर से ऋषि पंचमी महोत्सव व विद्वान् सम्मान समारोह गोविन्द देव जी के ... -
जो प्यासे हो तो साथ रखो अपना पानी भी,विरासत में तुम्हें कोई कुआं नहीं देगा। डॉ. निर्मल जैन (से.नि.जज)
जो प्यासे हो तो साथ रखो अपना पानी भी, विरासत में तुम्हें कोई कुआं नहीं देगा। डॉ. निर्मल जैन (से.नि.जज) विज्ञान का एक सिद्धांत है। कार्य=बल×दिशा। ... -
सम्प्रदायवाद,जातिवाद से दूर सभी संत,पंथ को स्वीकार्य धर्म के दशलक्षण-डॉ निर्मल जैन (से.नि.) जज
धार्मिक जीवन व्यक्ति का आंतरिक जीवन है। धर्म से उसका अंत:करण निर्मल होता है। अंतःकरण की निर्मलता का मुख्य हेतु है –मैत्री। यह मैत्री भावना प्रतिदिन अनुकरणीय ... -
*दिव्य मंत्र महाविज्ञान*
जिन लोगों को मंत्रों पर भरोसा न हो, वे मात्र दस दिन तक रोजाना केवल ‘ ऊँ ’ का मंत्र 50 माला रोज जपें। ग्यारहवें दिन ...