लेख-विचार
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सत्य-साँसों के साथ का या बंद साँस के बाद का-डॉ. निर्मल जैन (से.नि.जज)
सत्य जीवन के हर मोड़ पर एक पारदर्शी आंख है। सत्य को कोई कैसे भी परिभाषित करले सत्य, सत्य ही रहेगा। सत्य केवल आचरण से परिलक्षित होता है। सत्य ... -
प्यार के मार्ग में व्यापार नहीं -डॉ. निर्मल जैन(जज)
मंथर गति से चलती बैलगाड़ी के बैलों के गले में बजती हुई घंटियों की मधुर आवाज। अब यह सब कुछ पुराने जमाने की ... -
महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव पर आत्मावलोकन-डाॅ.निर्मल जैन *से.नि.जज*
मत आना महावीर दोबारा,हम में वो श्रद्धाभाव नही-डाॅ निर्मल जैन (से.नि.जज) वर्तमान परिपेक्ष्य में हर वो “निर्भीक कलम कोहनूर” है, जो कर्मकांड, पाखंडवाद, चमत्कार से मुक्ति दिलाने के लिए ... -
महावीर जन्म कल्याणक, नौ नहीं, दसवां और ग्यारहवां ग्रह सबसे भारी-डॉ. निर्मल जैन (से.नि.जज)
ज्योतिष में नव ग्रहों का वर्णन आता है। पर इन दिनों देखा यह जा रहा है कि इन नव ग्रहों पर दसवां ग्रह, “परिग्रह” और ... -
दिखाओ चाबुक तो झुक कर सलाम करते हैं, हम वो शेर हैं जो सर्कस में काम करते हैं।-डॉ. निर्मल जैन (जज)
यह बिल्कुल जरूरी नहीं कि जो अच्छा कार चालक हो वह हवाई जहाज भी उतनी ही कुशलता से उड़ायेगा। यह भी जरूरी नहीं के ... -
🌺नव वर्ष संकल्प🌺 नए साल को एक नयी परिपाटी प्रारंभ करें-डॉ.निर्मल जैन(जज से.नि.)
नव वर्ष दुनिया भर में हर देश, समुदाय, नगर और परिवार के लिए एक विशेष अवसर रहा है। क्योंकि यह एकमात्र ऐसा अवसर है जिसे ... -
अंग्रेजी नूतन वर्ष 2023 पर विशेष : कलेंडर बदलिए अपनी संस्कृति नहीं -डॉ सुनील जैन, संचय, ललितपुर
अंग्रेजी वर्ष 2022 को अलविदा, 2023 का स्वागत। पिछले दो वर्ष कोरोना के साए में जिए, वर्ष 2022 में हमें उससे निजात मिली लेकिन ... -
भगवान की मोहर लगाकर उन्हे मनुष्य और धरती से अलग मत करो-डाॅ निर्मल जैन *जज*
हम उन्हे स्थान विशेष में स्थापित बिम्ब के रूप में देख रहे है, वो बिम्ब में ही नहीं सर्वत्र गोचर हैं, विदध्यमान हैं। भगवान की मोहर लगाकर उन्हे मनुष्य ... -
अहिंसा की मिठाई, जुड़ाव की लक्ष्मी, सहिष्णुता के दीप(तीर्थंकर महावीर निर्वाण कल्याणक)-श्रीमती सरोज जैन
दीपों का उत्सव दीपावली हमारे दरवाजे पर एक नई उम्मीद, एक नई प्रेरणा लिए दस्तक दे रहा है। जिसमें तीर्थंकर महावीर के सूत्र समानता के ऐसे ... -
ऐसा होना होता है राम होना- डॉ. निर्मल जैन (जज)
अनुकरण और अनुसरण दो शब्द एक अक्षर के भेद से बने दिखाई देते हैं। पर दोनो के मूल तात्विक अर्थ में बहुत अंतर है। ...