लेख-विचार
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अपनी-अपनी केचुली से बाहर निकलें-डा.निर्मल जैन(से.नि.जज)
अपनी-अपनी केचुली से बाहर निकलें-:डॉ निर्मल जैन (से.नि.जज) कहीं संत प्रभावी तो कहीं पंथ हावी। कभी किसी गुरु की जय-जय कभी कोई संत का ... -
सदियों से आज तक सर्मपण में ही शक्ति है -पी.एम.जैन
सदियों से आज तक सर्मपण में ही शक्ति है व्यवहार स्वरूप हम कहते जरूर हैं कि एकता में शक्ति है लेकिन एकता सर्मपण के ... -
उसका हर आंसू रामायण, उसका हर कर्म गीता है-डा.निर्मल जैन(से.नि.जज) दिल्ली
सदैव ही हर सामाजिक, धार्मिक या राजनैतिक संस्था के वित्तीय मामलों को लेकर विवाद उठते ही रहते हैं। हमारे द्वारा किसी को तनिक सा ... -
हम वह आखिरी पीढ़ी के लोग हैं-संकलन👉पवन कुमार जैन “उस्मानपुर, दिल्ली”
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में जितना बदलाव हमारी पीढ़ी ने देखा है वह ना तो हमसे पहले किसी पीढ़ी ... -
जीते कोई भी, हार धर्म की ही होनी है-डा.निर्मल जैन(से.नि.जज)
जीते कोई भी, हार धर्म की ही होनी है राजनीतिक क्षेत्र में देश के कुछ प्रदेशों में चुनाव की ... -
जीवन संगिनी यानी धर्म पत्नी की अंतिम विदाई-मुझे जाने दो
अगर पत्नी है तो दुनिया में सब कुछ है। राजा की तरह जीने और आज दुनिया में अपना सिर ऊँचा रखने के लिए अपनी ... -
{लेख अधूरा है}👉डा.निर्मल जैन”जज”
लेख अधूरा है! 👉डॉ. निर्मल जैन (जज) एक बहुरूपिया राजा भोज के दरबार में पहुँचा ... -
{कहने का तरीका}📢
{कहने का तरीका} डॉ. निर्मल जैन (जज) बोलचाल। प्रकृति द्वारा प्रदत्त हम इंसानों के पास बोलचाल एक कमाल का उपहार है। जिसकी वजह से एक दूसरे ... -
सुविधाओं पर इतनी निर्भरता न हो कि वे दुख का कारण बन जायें-डा.निर्मल जैन(से.नि.जज)
सुविधाओं पर इतनी निर्भरता न हो कि वे दुख का कारण बन जायें। डॉ निर्मल जैन (जज) खुशी एक ऐसा शब्द है, जिसे सुनते ... -
अधकचरे धनाढ्यों ने फैला दिया हाहाकार- पी.एम.जैन
दुनिया में जो लोग अपने कर्मक्षेत्र में परिपूर्ण नहीं हैं वह सब अधकचरों की श्रेणी में आते हैं चाहे वह धनिक हो, योगी हो, ...