लेख-विचार
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प्रार्थना मजबूरी में ली जाने वाली दवा या जीवन-दायनी आक्सीजन?
उसे चोरी के अपराध में 4 साल कि सजा हुई थी। जेल में पहले ही दिन से जेलर उसके व्यवहार से हतप्रभ ... -
धर्म ईश्वर में है या ईश्वर ही धर्म है?👉डॉ निर्मल जैन (से.निवृ.जज)
धार्मिक और नैतिक सत्ता जब भौतिक सत्ता बन जाती है तब इसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं। नैतिकता के कथित ठेकेदारों, धर्मगुरुओं, बाबाओं और मठाधीशों ... -
अपने-अपने झंडों के डंडे नहीं,धर्म का झण्डा ऊंचा करने का समय
जैनधर्म कोई धर्म-विशेष नहीं है, न यह केवल केवल जैनियों के लिए ही है। यह तो एक विचार-धारा है,संपूर्ण मानवता के लिए जीवन-आधार है। जन-मानस की ... -
जंगल वाले बाबा छपकराज मुनि चिन्मय सागर महा मुनिराज का मृत्यु महोत्सव हर्षोल्लास पूर्वक सम्पन्न
👉पारस टी वी चेनल देकर जैन धर्म दर्शन का खूब प्रचार प्रसार किया हम पर बड़ा उपकार किया| भारत वसुन्धरा पर चित्र की नही ... -
मन से विकारों का कचरा हटाकर ही हम स्वच्छ हो सकते हैं:- पंडित लघुनन्दन जैन
इंदौर:- पूरे देश में स्वच्छता अभियान चल रहा है़ इन्दौर उसमे नंबर वन है़। जो स्वच्छ होता है़ वही नंबर बन होता है़ अगर ... -
जैन समुदाय की उन्नति का रहस्य है आलोचना पाठ
जैनधर्म के अनुयायी अपने भगवंतों के समक्ष नित्य करते हैं आलोचना पाठ का गुणगान -:पी.एम.जैन(ज्योतिष विचारक) दिल्ली मो. 9718544977 जैनधर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ... -
फटाफट विचार 👌-P.M.JAIN
👉परिवार”का हाथ पकड़ कर चलिये लोगों के “पैर” पकड़ने की नौबत नहीं आएगी| 👉परिवार के प्रति जब तक मन में”खोट” और दिल में “पाप” ... -
संत-महात्माओं के दरबार में खुल्लमखुल्ला बिकता है आशीर्वाद
जिसकी जेब खाली होती है उसे आशीर्वाद भी खोखला ही मिलता है-:पी.एम.जैन “पापी” आज की दुनिया में धन की लोलुपता इतनी बढ़ गई है ... -
वैराग्य एक ऐसा बवाल है जिसे पकड़ना है मुश्किल
“क्षमा वीरस्य भूषणं” से पहले “पुरूषार्थ वीरस्य भूषणं” का होना अत्यन्त आवश्यक है -पीएम. जैन “पापी” आज क्या बीते युगों से ही वैराग्य एक ... -
खाओ न पियो, जियो तो इन्टरनेट के साथ जियो-पीएम.जैन
बच्चों की जीवन यात्रा में अनावश्यक इन्टरनेट का प्रयोग एक बीमार राष्ट्र का संकेत बनता जा रहा है👉पी.एम.जैन “एडिटर इन चीफ” भारत में ड़िजिटल ...