लेख-विचार
-
जैन समुदाय की उन्नति का रहस्य है आलोचना पाठ
जैनधर्म के अनुयायी अपने भगवंतों के समक्ष नित्य करते हैं आलोचना पाठ का गुणगान -:पी.एम.जैन(ज्योतिष विचारक) दिल्ली मो. 9718544977 जैनधर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ... -
फटाफट विचार 👌-P.M.JAIN
👉परिवार”का हाथ पकड़ कर चलिये लोगों के “पैर” पकड़ने की नौबत नहीं आएगी| 👉परिवार के प्रति जब तक मन में”खोट” और दिल में “पाप” ... -
संत-महात्माओं के दरबार में खुल्लमखुल्ला बिकता है आशीर्वाद
जिसकी जेब खाली होती है उसे आशीर्वाद भी खोखला ही मिलता है-:पी.एम.जैन “पापी” आज की दुनिया में धन की लोलुपता इतनी बढ़ गई है ... -
वैराग्य एक ऐसा बवाल है जिसे पकड़ना है मुश्किल
“क्षमा वीरस्य भूषणं” से पहले “पुरूषार्थ वीरस्य भूषणं” का होना अत्यन्त आवश्यक है -पीएम. जैन “पापी” आज क्या बीते युगों से ही वैराग्य एक ... -
खाओ न पियो, जियो तो इन्टरनेट के साथ जियो-पीएम.जैन
बच्चों की जीवन यात्रा में अनावश्यक इन्टरनेट का प्रयोग एक बीमार राष्ट्र का संकेत बनता जा रहा है👉पी.एम.जैन “एडिटर इन चीफ” भारत में ड़िजिटल ... -
दुनिया के कुछ लोग, जो कहते हैं मुझें “पापी”👉पी.एम.जैन
धन पावना के लिए अपने कमलगट्टों को धार्मिक कार्यक्रमों के लिए देते हैं प्रेरणा👉पी.एम.जैन “पापी” दिल्ली मैं लेख के माध्यम से उन महानुभावों का ... -
जैन साहित्य का महत्त्व-👉प्रो. वीरसागर जैन, दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 13 जनवरी 2019 विश्व पुस्तक मेले के अवसर पर हमने भारतीय ज्ञानपीठ की ओर से ... -
पर्दाफ़ाश 👉 आखिर क्यों बनते हैं अनावश्यक मन्दिर?.
“कुछ तो सल्लो बाबरी और कुछ लीं भूतों ने घेर” -पी.एम.जैन नई दिल्ली -: आज भरत जी के भारत देश में इतने अधिक प्राचीन मन्दिर ... -
क्या कहता वास्तुदोष और मृत्युभोज “क्या आप भी खाते हैं “तेरहवीं ” का खाना?.तो अब छोड़ दें !
वास्तुदोष का ढ़िढ़ोरा पीटने से पहले, अपने ब्रह्माण्ड रूपी शरीर का वास्तु ठीक करना चाहिए- पी.एम.जैन नई दिल्ली -: वास्तुशास्त्रियों का कहना है कि ... -
*💦व्यवहार की दुकान💦*
एक कुशल व्यापारी अपनी दुकान ऐसे ही बेटे को सोंपता है जो व्यवहार कुशल हो।जिसमें व्यवहार कुशलता,विनम्रता एवं जिसकी वाणी ...