धर्म-कर्म
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*जैन मंदिर में आयोजित हुआ विधान व वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव*
*•भगवान पार्श्वनाथ का हुआ भव्य महामस्तकाभिषेक* *पटना सिटी:27 अगस्त* हाजीगंज लंगूर गली स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में रविवार को यागमण्डल विधान व ... -
तिलक (टीका) हाथ की किस उंगली से किसका करें- संकलन* पारसमणि जैन*ज्योतिष विचारक* दिल्ली
*♦️ तिलक ( टीका ) ♦️* हमारे सनातन धर्म की पूजा-पद्धति में तिलक का विशेष महत्व है। बिना तिलक धारण किए कोई पूजा सफल ... -
दिगंबर जैन मंदिर में नवरात्रि महापर्व का आगाज, कलश स्थापना के साथ।
इंदौर:-(22 मार्च) गुड़ी पड़वा हिंदू नव वर्ष, के साथ नवरात्रि महापर्व प्रारंभ हो गया है इस अवसर पर मां पद्मावती की आराधना शांतिनाथ दिगंबर ... -
भगवान महावीर के 2549 वे निर्वाणोत्सव(दीपावली)पर विशेष:दीपमालिकायें केवलज्ञान की प्रतीक,करें अंतःकरण प्रकाशित-डॉ सुनील जैन संचय,ललितपुर(उ.प्र )
भगवान महावीर स्वामी का 2549 वां निर्वाणोत्सव देश-विदेश में श्रद्धा पूर्वक धूमधाम से मनाया जा रहा है। भगवान महावीर जैन धर्म के वर्तमानकालीन 24वें ... -
समय की आराधना के साथ सम्पन्न हुआ समयसारोपासक साधना संस्कार शिविर
विदिशा। परम पूज्य आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के सुयोग्य शिष्य प . पू . मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य ... -
जिसके दिल में क्षमा, वह सबके दिल में जमा-आचार्य अतिवीर मुनि
परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने क्षमावाणी महापर्व की व्याख्या करते हुए कहा कि क्षमा मांगने की वस्तु नही बल्कि धारण ... -
क्षमा,अहिंसा की अंगूठी में मानवता का मोती है-डॉ. निर्मल जैन (जज)
तत्समय भारत के उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार पटेल के चेहरे पर दंगों के दौरान एक व्यक्ति ने थूक दिया। सरदार पटेल ने अंगोछे ... -
लोभ का अभाव शौच धर्म है-डॉ.महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’
शौच अर्थात् शुचिता, पवित्रता। तन की पवित्रता नहीं, शरीर की पवित्रता नहीं, मन की शुचिता को शौच धर्म कहा है। ऋषि-मुनियों ने मन को ... -
रक्षाबंधन पर्व पर *मेरा मन मेरा विचार*- पी.एम.जैन * ज्योतिष विचारक* एवं पं.राधेश्याम शर्मा *ज्योतिष वाचस्पति* दिल्ली।
आज रक्षाबंधन मनाने को लेकर समाज भ्रमित हो रहा है जोकि विचारणीय विषय बन गया है,सोशल मीडिया पर अपनी-अपनी डुगडुगी बज रहीं हैं कि ... -
उचित तिथि में मनाऐं रक्षाबंधन महापर्व-पी.एम.जैन *ज्योतिष विचारक* दिल्ली
शुभ की इच्छा रखने वाली माताऐं-बहनें-बेटियाॅं अपने भाईयों की कलाई में राखी भद्रा में न बांधें। धर्मसिंधु एवं निर्णयामृत में लिखा है। इस वर्ष ...