धर्म-कर्म
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इटावा जैनधर्मशाला में पहली बार 64 भव्य मण्डलो के द्वारा भक्ततामर महाअर्चना की गई-मेडिटेशन गुरू विहसंत सागर जी
इटावा(उ.प्र.) इतिहास पहली बार इटावा में 64 भव्य मण्डलो के द्वारा भक्तांबर महाअर्चना बड़ी धूमधाम और संगीत के साथ संपत्र होगा श्री पारसनाथ दिगंबर ... -
चमत्कृत भक्तामर स्तोत्र और उसकी विचित्र लेखन कथा
चमत्कृत भक्तामर स्तोत्र और उसकी विचित्र लेखन कथा स्तुति-स्तोत्रों की रचना प्रायः विशेष उद्देश्यों को लेकर हुई है। जब जब किसी महान व्यक्ति पर ... -
{सर्वपितृ अमावस्या, अकाल मृत्यु वालों का कब होता है श्राद्ध}
17 सितम्बर 2020 गुरुवार की है सर्वपितृ अमावस्या🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 गुरुवार को अमावस्या का होना भारत के लिए सुख शांति प्रदायक है। शास्त्रों के अनुसार बद्रीनाथ, ... -
{मलमास कब से शुरू हो रहा है, जानें इस मास में वर्जित कार्य}
मलमास 18 सितंबर 2020 से आरंभ हो रहे हैं. मलमास को अधिक मास, पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. धर्म कर्म की दृष्टि से ... -
पर वस्तुओं से अत्यन्त लगाव छोड़ना आकिंचन्य धर्म है-डा.महेन्द्र कुमार”मनुज”
आकिंचन्य यानि ममत्व का परित्याग करना है। मैं और मेरा का त्याग करना ही आकिंचन्य धर्म हैपरिग्रह का परित्याग कर परिणामों को आत्मकेंद्रित करना ... -
पर्युषण महापर्व के अवसर पर आयोजित अखिल भारतीय निबंध (आलेख) प्रतियोगिता
👉विजयी प्रतिभागियों को दिए जाएंगे पुरस्कार और प्रमाण-पत्र!! ललितपुर। दसलक्षण महापर्व (पर्युषण महापर्व) के अवसर पर अखिल भारतीय निबंध (आलेख) प्रतियोगिता का आयोजन श्रुत ... -
जैनधर्म के*💢दसलक्षण पर्व का तीसरा दिन💢* जानिऐ👉उत्तम आर्जव धर्म
*💢दसलक्षण पर्व का तीसरा दिन💢* 🙏उत्तम आर्जव धर्म🙏 ... -
जैन समुदाय के लोग प्रायश्चित के तौर पर अपने गुरू-प्रभु के समक्ष इस तरह करते हैं👉 निज आलोचना
आलोचना पाठ बंदों पाँचों परम-गुरु, चौबीसों जिनराज। करूँ शुद्ध आलोचना, शुद्धिकरन के काज ॥ सुनिये, जिन अरज हमारी, हम दोष किए अति भारी। तिनकी ... -
जैन समुदाय के लोग प्रायश्चित तौर पर अपने गुरू-प्रभु के समक्ष ऐसे करते हैं निज आलोचना
🙏बंदों पाँचों परम-गुरु, चौबीसों जिनराज। करूँ शुद्ध आलोचना, शुद्धिकरन के काज ॥ 👉सुनिये, जिन अरज हमारी, हम दोष किए अति भारी। तिनकी अब निवृत्ति ... -
सिद्धिविनायक श्री गणेश पूजन मुहुर्त योग एवं मूर्ति का कैसे करें निर्माण
टोंक । भाद्रपद शुक्ला चतुर्थी शनिवार दिनांक 22 अगस्त को चतुर्थी तिथि मध्यान्ह व्यापिनी रात्रि 7.57 बजे तक है । अतः इसी दिन सिद्धि ...