प्रवचन
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जिसके दिल में क्षमा, वह सबके दिल में जमा -एलाचार्य अतिवीर मुनि
परम पूज्य एलाचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने क्षमावाणी महापर्व के अवसर पर भारतवर्षीय दिगम्बर जैन संघ भवन, कृष्णा नगर, मथुरा में कहा ... -
राग-द्वेष मनुष्य के सबसे बड़े शत्रु : मुनि श्री विरंजन सागर
गुढ़ा, महरौनी। श्री दिगम्बर जैन मंदिर गुढ़ा में चातुर्मासरत जनसंत मुनि श्री विरंजन सागर जी महाराज ने ऑनलाइन प्रवचन के माध्यम से कहा कि ... -
तीन लोक में वीतराग-विज्ञानता सर्वोत्तम है – एलाचार्य अतिवीर मुनि
परम पूज्य एलाचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज का 15वां पावन चातुर्मास सकल जैन समाज मथुरा के तत्वावधान में भारतवर्षीय दिगम्बर जैन संघ भवन ... -
बांट कर खाएं राजा कहलाएं : जैनसंत मुनि श्री विरंजन सागर जी
गुढ़ा, महरौनी। ऑनलाइन प्रवचन के माध्यम से पूज्य जनसंत विरंजन सागर जी महाराज ने कहा कि मिलकर बैठो और बांट कर खाओ, यही सच्चा ... -
भाव सुधारो तो भव सुधर जाएगा :मुनि श्री सुप्रभसागर जी
ललितपुर। परम पूज्य श्रमणाचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य श्रमणरत्न मुनि श्री 108 सुप्रभ सागर जी महाराज ने गौशाला ... -
🌸बारह भावना🌸नं.12*बोधि दुर्लभ भावना*👉जे के संघवी
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 *(12) बोधि दुर्लभ भावना* 🟠इस संसार में जीव को अनेकों बार देव भव एवं मनुष्य भव मिला। इस जीव ने देवताई सुख लाखों-करोड़ों ... -
🌹बारह भावना🌹नं.11*लोक स्वरूप भावना*👉जे के संघवी
🌹🌟🌹🌟🌹🌟🌹🌟 *(11) लोक स्वरूप भावना* 🌹इस दुनिया की व्यवस्था पर विचार करने जैसा है। इसमें लोकलोक का स्वरुप, उसमें जीवों की जन्म मरण की ... -
🌺बारह भावना🌺नं.10*धर्म भावना*👉जे के संघवी
🌺⭐🌺⭐🌺⭐🌺⭐🌺 *(10) धर्म भावना* 🛑 जगत के हित और कल्याण के लिए जिनेश्वर भगवन्तों ने दान, शील, तप और भाव- इस तरह चार प्रकार ... -
🌷बारह भावना🌷नं.9*निर्जरा भावना”👉जे के संघवी
🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹 *(9)निर्जरा भावना* 🟢आत्मा के साथ लिप्त कर्मों को दूर करना अर्थात निर्जरा। 🟢 दर्शन, पूजा, व्रत- पच्चखाण, सामायिक, प्रतिक्रमण, पौषध,गुरू वंदन, जिनवाणी श्रवण ... -
🍀बारह भावना 🍀नं.8*संवर भावना*👉जे के संघवी
🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹 *(8) संवर भावना* 🌷संवर उपादेय अर्थात् आदरने योग्य हैं। नव तत्व में इसके 57 भेद बताए हैं। उनको समझ कर कर्मों को आने ...