प्रवचन
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🌹बारह भावना🌹नं.7*आश्रव भावना*👉जे के संघवी
🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸 *(7)आश्रव भावना* ⭐मिथ्यात्व ,अविरति, कषाय, प्रमाद और योग ये आश्रव ही जीव की संसार वृद्धि के मूल कारण है ।मन वचन काया की ... -
🌼बारह भावना🌼 नं.6*अशुचि भावना*👉जे के संघवी
🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹 *(6)अशुचि भावना* 🛑छिद्रयुक्त घडे में से शराब गलती हो… और वैसे अस्वच्छ गंदे घड़े को बाहर से अच्छी तरह मिट्टी से साफ किया ... -
🌸बारह भावना🌸 नं.5*अन्यत्य भावना*👉जे के संघवी
⭐🌸⭐🌸⭐🌸⭐🌸⭐ *(5)अन्यत्व भावना* 🟣 ओह मेरे आत्मन! किसलिए तू पराई पंचायत में उलझ कर पीडा का शिकार होता है…? क्यों तू खुद के पास ... -
बारह भावना नं.4*एकत्व भावना*👉जे के संघवी
🌺🟢🌺🟢🌺🟢🌺🟢🌺 *(4)एकत्व भावना* 🔴तरह-तरह के ममत्व के बोझ से दबा हुआ प्राणी, परिग्रह का बोझ बढ़ने से …..बहुत ज्यादा भार बढ़ने से समुद्र में ... -
बारह भावना नं.3*संसार भावना*👉जे के संघवी
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 *(3) संसार भावना* 🌷यह जीवात्मा संसार की चार गतियों में और चौरासी लाख योनियों में भटकता हुआ अनंत- अनंत देह धारण करता है। ... -
🌺बारह भावना🌺 नं.2 *अशरण भावना*👉जे के संघवी
🌺🔹🌺🔹🌺🔹🌺🔹 *(2)अशरण भावना* 👉विविध प्रकार से हितकारी और प्रीति पात्र सज्जन लोग भी जब मौत के महासागर में डूबने लगते हैं, तब कोई स्वजन ... -
🌻बारह भावना🌻नं.1*अनित्य भावना* 👉जे के संघवी
🌻🌻🌻🌻🌻*अनादि से जन्म मरण के कारण रूप विषय कषायों से छूटने के लिए अनित्यादि बारह भावना एवं मैत्री आदि चार भावनाओं को समझ कर ... -
धन का सदुपयोग अगली पीढ़ी को संस्कारित करने के लिए होना चाहिए:- आचार्य श्री विद्यासागर महाराज
इंदौर:- इस संसार में दौलत और संपत्ति का कोई सार नहीं है यह तो क्षणभंगुर तत्व है इससे जिनालय के निर्माण का जो संकल्प ... -
पंथवाद की ओढ़नी चादर से बाहर झाँके जैन समाज
ध्यान रखना👉 फिरंगियों से आजाद हुए तो 70 साल हो गए लेकिन आज दुरंगियों की गिरफ्त में हैं – आचार्य श्री नई दिल्ली- 21 ... -
*धर्म बचपन से शुरू करे पचपन से नही*
कोटा (राज.) 20 जनवरी -:परम् पूज्य आचार्यश्री 108 शिवसागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य आचार्यश्री 108 सुव्रतसागर जी महाराज एवं प.पु. उपाध्याय श्री ...