देवउठानी एकादशी से मांगलीक कार्यो का शुभारंभ
टोंक। भगवान सूर्यदेव 19 नवम्बर सोमवार को एकादशी तिथि उदयात होने से उत्तरायण में प्रवेश करेगें, जिससे देवउठनी एकादशी (अबूझ मुहुर्त) स्वंय सिद्धि योग होने से शुभ मांगलिक कार्यो विवाह आदि का शुभारंभ हो जायेगा एवं शहनाईयां बजेगी तुलसी का विवाह भगवान शालीगराम से होने से अबूझ मुहूर्त में कोई दोष नहीं होगा। किन्तु प्रात: सूर्योदय से दिन में 2.30 बजे तक भद्रा मीन राशि में जिसका स्वामी बृहहस्पति है जो पृथ्वी लोक उत्तर दिशा में अशुभ है। किन्तु शुक्ल पक्ष की एकादशी को भद्रा उत्तराद्र्व दिन में हो तो दोष नही लगता। जो दिन में 2.30 बजे तक है। अत: दोष रहित है। देवगुरू बृहस्पति मित्र मंगल की वृश्चिक राशि में विचरण कर रहे है जो 5 अप्रेल 2019 तक स्व राशि धनु के नवमांश में विचरण करने से गुरू शुद्धि की आवश्यकता नही होगी। जिन कन्याओं की विवाह योग में बाधा आ रही हो उनके विवाह योग बनेगें।
मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक के निदेशक बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि अबूझ मुहूर्त 19 नवम्बर 2018 सोमवार देवउठनी, 10 फरवरी रविवार 2019 बंसत पंचमी, 8 मार्च को फुलेरा दोज में विवाह आदि मांगलिक कार्य बिना मुहूर्त के सम्पन्न करने पर दोष नहीं होगा। शुभ विवाह मुहूर्त 17, 18, 22, 23, 25, 29 जनवरी 2019, 8, 9, 10, 21 फरवरी, 3, 8, 9, 12 मार्च में सूर्य बृहस्पति के साथ-साथ चन्द्र बल व तारा बल देखना आवश्यक होगा। देव गुरू बृहस्पति 14 नवम्बर से पश्चिम दिशा में अस्त चल रहे है जो 9 दिसम्बर 18 को दिन में 4.30 बजे पूर्व में उदय होगें। एवं 16 दिसम्बर 2018 से 14 जनवरी 19 तक सूर्य देव, देव गुरू बृहस्पति की धनु राशि में विचरण करेगें। इस अवधि में गुरू से आ र्शीवाद लेने एवं मंत्रणा करने से सभी शुभ मांगलिक कार्य बंद रहेगें।-ज्योतिषीय शोधकर्ता – बाबूलाल “शास्त्री” टोंक राजस्थान |