👉:- पीड़ित करने वाले के अगर बेटी होती और उसे विदा करने का अवसर आता तब उसे पता चलता कि अन्धकार किसे कहते हैं।
👉:- हर बेटी अपने पापा से सबसे ज़्यादा प्यार क्यों करती है ?
👉:- क्यों कि वह जानती है कि संसार में उसके पापा ही ऐसे व्यक्ति हैं जो उसे कभी दुखी देखना नहीं चाहते ।
👉:- किसी भी परिवार में पापा को डाँटने का अधिकार बेटी को ही होता है क्यों कि जिसे प्यार किया जाता है, उसे ही डाँटा जा सकता है ।
👉:- मुझे मेरे एक मित्र ने कहा- मैं अपनी पत्नी से भी ज़्यादा प्यार अपनी बेटी को करता हूँ ।
👉:- जब मैं बीमार होता हूँ और बेटी हाल पूछने ससुराल से आती है तो मैं अपने सब दुख दर्द भूल जाता हूँ।
👉:- मुझे भी लगता है कि विदाई के समय पापा को तकलीफ़ कम नहीं होती ।
👉:– क्यों कि माँ तो सामने रो सकती है,पर पापा अन्दर ही अन्दर रोते हैं ।
👉:- बेटी बीस बाईस की होने लगती है , उसके बाद
पापा का वात्सल्य और प्रेम बढने लगता है ।
👉:- बेटी कभी माँ बनेगी, कभी दादी भी, पर दोस्त तो सदैव बनी रहेगी ।
👉:- बेटी का सुख पापा के होंठों की मुस्कान है ।
👉:- पापा के दुख में बेटी हथेली बनकर आँखों के आँसू पोंछती है ।
👉:- देखते ही देखते पता ही नहीं चलता कि बेटी कब बड़ी हो जाती है और एक दिन सुहाग का जोड़ा पहन कर विदा हो जाती है ।
👉:- जाते समय पापा से चिपक कर जब बेटी पापा से सजल नेत्रों से कहती है ।
👉:- पापा, मैं जा रही हूँ ,मेरी चिन्ता मत करना और अपना ध्यान रखना ।
👉:- और तब पापा अपनी आँखों में उमड़ते हुए आँसुओं को रोक नहीं पाते।
👉:- हर एक पापा को भगवान से प्रार्थना करनी चाहिये- हे प्रभो ! तुम संसार के सभी पुरूषों को सात्विक और समझदार बनाना क्यों कि उन्हीं में से एक मेरी बेटी का पति बनेगा ।
👉:- संसार की सभी स्त्रियों को बहुत प्रेममय बनाना क्यों कि उन्हीं में से कोई मेरी बेटी की सास या ननद बनने वाली है ।
👉:- हाल ही में सेवानिवृत एक मित्र ने मुझसे कहा- यदि आपके घर में बेटी नहीं है तो पापा बेटी की घनिष्ठता के बारे में नहीं जान सकते ।
👉:- बस इतना सा ख़याल रखना चाहिये कि पुत्रवधू बेटी की तरह रहे और बेटी को उसके पापा के बारे में कुछ कटुवचन न कहा जाये ।
👉:- क्यों कि बेटी भगवान बारे में बुराई सुन सकती है लेकिन अपने पापा के बारे में नहीं।
🙏उन पिताओं को समर्पित जो अपनी लाड़ली बेटियों के पापा हैं ।