एक जनवरी से शुरू होगी “जलपोत” सेवा, महाकुम्भ मेले में जलमार्ग से भी पहुँचे भक्तगण
प्रयागराज- (उ. प्र.) तीर्थराज प्रयाग में जनवरी 2019 से लगने वाले महाकुम्भ मेले में भक्तगणों को जलमार्ग से लाने की तैयारी कर ली गई है। इसके साथ ही कुम्भ में पहुँचने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को प्रयागराज के आस-पास के दर्शनीय स्थलों के दर्शन जलपोत (क्रूज) से कराए जायेंगे|
मिली जानकारी के अनुसार भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रवीर पाण्डेय ने मीडिया से बात करते हुए कहा ‘प्रयागराज और वाराणसी के बीच बड़े बोट और क्रूज चलाये जाने की कार्य योजना पूर्ण रूप से तैयार हो चुकी है, इसके लिए यमुना और गंगा नदी में पाँच-पाँच अस्थाई टर्मिनल भी तैयार कर लिए गये हैं।
उन्होंने बताया, ‘यमुना नदी में सरस्वती घाट, किला घाट, बोट क्लब, पुराने यमुना ब्रिज के पास और सुजावनदेव में बार्ज लगाकर टर्मिनल बनाया गया है जबकि गंगा नदी में इलाहाबाद से वाराणसी के बीच छतनाग, सीतामढ़ी, विन्ध्याचल, चुनार और सिरसा में कुम्भ के मद्देनजर अस्थाई टर्मिनल का निर्माण किया गया है। वाराणसी से इलाहाबाद के बीच बड़े बोट और क्रूज का संचालन हो सके इसके लिए नदी में एक मीटर का चैनल बनाया गया है।’ अधिक जानकारी देते हुए प्रवीर कुमार ने कहा ‘प्राधिकरण के दो जहाज सीएन कस्तूरबा और एसएल कमला प्रयागराज पहुँँच चुुके हैं। सीएल कस्तूरबा की क्षमता करीब 150 यात्रियों की है। दोनों जलयान कुम्भ के दौरान यात्रियों के परिवहन के काम में लाये जायेंगे इसके साथ ही निजी क्रूज और बड़े बोट भी लाइसेंस लेकर गंगा और यमुना नदियों में चलेंगे। योजना के मुताबिक, हल्दिया से इलाहाबाद जल मार्ग से माल परिवहन के लिए भी तैयारियाँ तेज हो गई हैं। हल्दिया से इलाहाबाद की जल मार्ग से दूरी 1620 किमी है और वाराणसी में बंदरगाह शुरू होने के बाद प्रयागराज में भी बंदरगाह का निर्माण जल्दी शुरू करने के लिए सभी पहलुओं पर विचार चल रहा है। बंदरगाह बनाने के लिए भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने पहले ही जमीन खरीद रखी है।’