नई दिल्ली -: 6 फरवरी!! दिगम्बर जैन समाज की उच्चतम संस्थाओं के पदाधिकारियों को गिरनार जाकर जैनमुनि श्री मुदित सागर जी महाराज के विषय में सत्यता जाननी चाहिए क्योंकि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और पेपर कटिंग वायरल हुई थी जिसमें पेपर कटिंग पर ना तो अखवार का नाम है और वायरल वीड़ियो के जरिए जो इंटरव्यू दिखाया गया है उसमें ना तो इंटरव्यू लेने वाले को और ना ही इंटरव्यू के स्थान को दर्शाया गया है| इसी विषय को लेकर जैनसमाज में असमंजस बना हुआ है, इस असमंजस को मिटाने के लिये जैन समाज के व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया पर निष्पक्षता हेतु एक और भावना जाग्रित हुई है जो नीचे निम्न प्रकार है👇👇👇👇👇👇👇
#श्रीगिरनार जी से लापता हुए मुनि श्री मुदित सागर जी महाराज #रायपुर में तो मिल गए है किंतु इसके पीछे सत्य कथा कुछ और ही है
जिस प्रकार इस घटना को लेकर #भारतवर्ष के #जैनसमाज सक्रिय हुआ है उससे ना केवल #गुजरात सरकार सकते में आई है बल्कि #केंद्रसरकार पर भी इसका गहरा असर पड़ा है।
जिसके चलते प्रशासन दबाव में तो आया किन्तु समाज के प्रति नही बल्कि उनके लिए जिन्होंने मुदित सागर जी महाराज को कब्जे में लिया उनको बचाने के लिए ?
क्योकि अगर वह मुनिश्री के साथ कुछ भी अनहोनी कर देते तो मामला उनके खिलाफ जा सकता था किंतु उन्होंने कोई अनहोनी नही की बल्कि किडनैप कर अपने पास ही रखा।
जब समाज सक्रिय हुआ तो उन्होंने जबरन वस्त्र पहनाकर वहां से सीधे रायपुर भेज दिया जिससे वह लोग बच जाए और आरोप साधुओं पर ही लगे।
इसका शक तब हुआ जब वह पर्वत पर वंदना करने अकेले तो गए किन्तु वापस नीचे नही आये, केवल पिच्छी कमंडल अपने साथ लेकर गए तो उनके पास वस्त्र कहा से आये।
क्या मुनि श्री पर्वत से उड़ान भरकर सीधे रायपुर पहुंच गए, नीचे खड़े समाज बन्धुओ ने मुनि को देखा नही होगा,
गिरनार में उन्हें वस्त्र किसने दिये , गिरनार से रायपुर कोई दस बीस km तो है नही 1500 km दूर है फिर उनको वहां तक जाने के रुपये किसने दिए* ।
गिरनार जी मे वस्त्र पहनकर गए तो वहां उनकी पहचान सम्भव नही हो सकी
किन्तु रायपुर रेलवे स्टेशन पर वस्त्र पहने उनकी पहचान कैसे संभव हुई ?
हो या ना हो यह मामला पूरी तरह से पुलिस प्रशासन के सहयोग से अंजाम दिया गया है अगर मामले की जांच पड़ताल के लिये समाज अच्छे से दबाव बनाकर जांच करवाएं तो बहुत कुछ जानकारी साझा हो सकती है।
मुदित सागर से वार्तालाप कर अच्छे से जानकारी जुटा कर कार्यवाही करनी चाहिए। बहुत कुछ सामने नजर आ सकता है।
हम सभी को पता है कि गिरनार जी मे बड़ी संख्या में असामाजिक तत्व कब्जा जमाए हुए बैठे है जो किसी भी सूरत में समाज को बर्दाश्त नही कर पा रहे है जिसके चलते आये दिन कोई ना कोई घटना को अंजाम देते है।
अभी की घटना सोची समझी साजिश हो सकती है जिसके माध्यम से अब अगर कोई सन्त या समाज बन्धु वहां से गायब होता है तो वह लोग दुबारा ऐसा प्रमाण दे सकते है कि वह भाग गए होंगे और मामले की जांच नही की जाएगी।
हम सभी समाज बन्धुओ को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और निष्पक्ष जांच की मांग अवश्य करनी चाहिए।👇👇
नोट-यह सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो है पारस पुँज इसकी पुष्टि नहीं करता है|