सांसे हो रहीं कम, आओ पेड़ लगाएं हम’ इस संदेश के साथ किया गया वृक्षारोपण
ललितपुर। पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण की वजह से वृक्षारोपण की आवश्यकता इन दिनों अधिक हो गई है। इस उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए तथा शासन द्वारा चलाये जा रहे वृक्षारोपण महाकुंभ में अपनी सहभागिता निभाते हुए महरौनी विकासखंड में स्थित प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ में परम पूज्य मुनि श्री सरल सागर जी महाराज के सान्निध्य में अरनाथ विधान एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण का कार्यक्रम रखा गया।
इस दौरान आम,आंवला,करोंदा,अमरूद,अशोक आदि के वृक्षों को रोपित कर पर्यावरण संवर्द्धन का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर क्षेत्र निर्देशक ब्र. जय कुमार जी निशांत ने कहा कि पृथ्वी का आभूषण वृक्ष हैं।वृक्ष हमें आक्सीजन देकर हमारे वातावरण को स्वच्छ रखते हैं।वर्तमान समय में विगड़ते हुए पर्यावरण को देखते हुए अधिक से अधिक वृक्ष लगाने की आवश्यकता है।प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक वृक्ष जरूर लगाना चाहिए।
क्षेत्र के प्रचारमंत्री डां०सुनील संचय ने बताया कि वन पृथ्वी की अमूल्य धरोहर है।वह मूल से लेकर शिखा तक हमारे लिए है।उनकी रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है।अपने और आने वाली पीढ़ी के जीवन को बचाने के लिए हमें वृक्षारोपण करना ही होगा
कोषाध्यक्ष राजकुमार चूना ने कहा यदि हम चाहते हैं कि प्रदूषण कम हो एवं हम पर्यावरण की सुरक्षा के साथ सामंजस्य रखते हुए संतुलित विकास की ओर अग्रसर हों, तो इसके लिए हमें अनिवार्य रूप से वृक्षारोपण का सहारा लेना होगा।
मुनि श्री सरलसागर जी ने इस पुनीत कार्य को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि
पर्यावरण को बचाना है तो हमें वृक्षारोपण करना होगा।बसुधा का अनुपम उपहार वृक्ष ही हैं।अच्छे जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। जैनदर्शन में पृथ्वी, जल, वायु, वनस्पति, अग्नि में जीवत्व माना गया है। सदैव इनके संरक्षण और सम्वर्द्धन की बात आचार्यों ने कही है।
इस पावन कार्य में क्षेत्र कमेटी के निर्देशक ब्र. जय निशांत जी, कोषाध्यक्ष श्री राजकुमार चुना,चंद्रभान जैन डुंडा,इंजी. शिखर चंद्र जैन, भागचंद चूना,सुरेंद्र सोजना, डॉ सुनील संचय, सुनील शास्त्री टीकमगढ़,अमित जैन कंप्यूटर,राकेश ककरवाहा,सुरेश जैन ककरवाहा, त्रिशला महिला मंडल ककरवाहा एवं ग्रामीणजनों ने अपनी उपस्थिति प्रदान कर वृक्षारोपण किया और कार्यक्रम को सफल बनाया।👉डॉ. सुनील जैन संचय, ललितपुर