माता-पिता को बोझ समझने वाले बेटा-बहू को कोर्ट ने सुनाई 2 साल की सजा

70 साल की माँ प्रेमा कुमारी के 2 बेटे और 1 बेटी है,
तीनों बच्चों की शादी होते ही सब अलग-अलग रहने लगे|घर में बुजुर्ग माता-पिता रह गए थे, लेकिन साल 2013 में परिवार के मुखिया प्रेमा कुमारी के पति अमरुद्ध कुमार की मृत्यु हो गई!बस तभी से मकान पर बड़े बेटे अमित कुमार ने बुरी नजर रखना शुरू कर दी वो पहले माँ की सेवा करने के नाम पर घर में आकर रहने लगा, फिर उन्होंने धीरे से पिता के नाम से मकान अपने नाम ट्रांसफर करा लिया, इस बात की भनक तक प्रेमा कुमारी को बिल्कुल भी नहीं लगी|
मकान अपने नाम लिखाने के बाद बेटा अमित और बहू सविता माँ को घर से निकालने की साजिश रचने लगे, लेकिन माँ ने घर छोड़कर जाने से इनकार कर दिया| लिहाजा कलयुगी बेटे और बहू ने माँ पर अत्याचार करना शुरू कर दिये|
प्रेमा कुमारी के मुताबिक, ‘बहू गालियां देती थी और कुछ बोलने पर बेटा मारता था.’ अत्याचार को अपनी किस्मत समझकर माँ चुपचाप सहती रही. उन्होंने इस बात की शिकायत छोटे बेटे और बेटी से भी नहीं की, लेकिन 2015 में राजस्व विभाग के कुछ लोग घर पर आए, तो माँ को पता चला कि मकान बड़े बेटे ने अपने नाम लिखा लिया है जबकि नियम के मुताबिक पिता की मौत के बाद मकान माँ के नाम ट्रांसफर होना चाहिए था|
माँ प्रेमा कुमारी ने इस बात की जानकारी छोटे बेटे को दी और फिर उन्होंने नारेदमेट पुलिस थाने में अपने बड़े बेटे और बहू के खिलाफ शिकायत लिखवाई पुलिस ने बेटे अमित कुमार और बहू सविता के खिलाफ माँ प्रेमा कुमारी को बंधक बनाने, अपमानित करने, जान से मारने की धमकी देने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया|
मामला मलकाजगिरी कोर्ट में चला और अदालत में कलयुगी बेटे-बहू की करतूत साबित हो गई| कोर्ट ने बेटा अमित कुमार और बहू सबिता को 2 साल की कैद के साथ साथ 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है| कोर्ट के फैसले के बाद बुजुर्ग माँ का कहना है कि ‘इससे उन बच्चों को सबक मिलेगा, जो अपने बुजुर्ग माता-पिता को बोझ समझकर लावारिस की भाँति भटकने के लिए उन्हें की घर से फैंक देते हैं |