स्व. श्री नरेन्द्र कुमार जैन की याद में फिर याद आया इतिहास का 15 अगस्त 1996
पेंशन आदि जैसी सरकारी सुविधाऐं उन्हें लेनी चाहिए जो वास्तविक रूप से परेशान हैं-👉श्रीमती सत्यवती जैन
नई दिल्ली -: पारस पुँज के चीफ एडिटर पारसमणि जैन की माता जी एवं पारस पुँज की परम संरक्षिका श्रीमती सत्यवती जैन को राष्ट्रीय पर्व👉 स्वतन्त्रता दिवस 15 अगस्त 1996 को ही महामहिम श्री शंकर दयाल शर्मा “राष्ट्रपति भारत” द्वारा राष्ट्रीय सम्मान की घोषणा उपराँत “राजस्थान के मुख्यमंत्री” माननीय श्री भैरोसिंह शेखावत के करकमलों द्वारा 👉”जीवन रक्षा पदक”👈 से “मानसिंह स्टेडियम” जयपुर (राजस्थान) में सम्मानित किया गया था |
👈स्वर्गीय श्री नरेन्द्र कुमार जैन
यह राष्ट्रीय सम्मान श्रीमती सत्यवती जैन के पति श्री नरेन्द्र कुमार जी जैन, निवासी शिवगंज कालौनी, जिला एटा (उ. प्र.) को मरणोपराँत उन्हें प्राप्त हुआ था | स्वर्गीय श्री नरेन्द्र कुमार जी जैन ने जीवहित में जैनधर्म के श्वाशत तीर्थ👉अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी रेलवे स्टेशन पर चलती हुई ट्रेन से कूदने वाले एक ही परिवार के 3 सदस्यों की जान बचाते हुए, एक 6 साल की बच्ची चलती हुई ट्रेन की पटरियों के बीच फँस गई उस नन्ही जान को बचाते हुए 50 वर्षीय श्रीमान जैन 30 मार्च 1994 के दिन अपनी प्राण गवाँ बैठे लेकिन जाते-जाते उस 6 वर्षीय बच्ची को जीवन दान दे गये जबकि स्टेशन पर मौजूद सैंकडों की भीड़ मूक बनकर इस दु:खद हादसे का दृश्य देखती रही|
स्वर्गीय श्री नरेन्द्र कुमार जी जैन के इस परमवीर पराक्रम की ख़बर उस समय के महामहिम राष्ट्रपति श्री शंकर दयाल शर्मा एवं माननीय मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (उत्तर प्रदेश सरकार) और माननीय मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत (राजस्थान सरकार) को मालूम पड़ी तो उन्होंने “श्री दिगम्बर जैन पद्मावती पुरवाल जैन समाज जिला एटा” के इस पराक्रमी योद्धा के पराक्रम की काफी सराहना करते हुए श्री नरेन्द्र कुमार जी जैन को मरणोपराँत राष्ट्रीय सम्मान के अन्तर्गत “जीवन रक्षा पदक” से सम्मानित करने का निर्णय लिया|
जानकारी के लिए आपको बता दें कि स्वर्गीय श्री नरेन्द्र कुमार जी जैन जिला एटा शहर में सामाजिक स्तर पर सुरक्षा एवं जीवरक्षा में सदैव तत्पर रहने वाले👉श्री दिगम्बर जैन वीर मण्ड़ल के कर्मठ स्वयं सेवक थे| यह जैन मण्ड़ल देशहित-समाजहित एवं जनहितार्थ आज भी कार्यरत है, इसकी स्थापना सन् 1920 में जैन समाज के महापुरूषों द्वारा की गई थी| स्वर्गीय श्री नरेन्द्र कुमार जी जैन भी इसी मण्ड़ल के सुसंस्कारों और अनुशासन से संस्कारित रहे जिसके कारण उन्होंने स्वयं के शहर के अतिरिक्त राजस्थान के अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी तीर्थ में भी जीवरक्षार्थ अपने पराक्रम को डिगने नहीं दिया| श्री दिगम्बर जैन वीर मण्ड़ल के सुसंस्कारों और श्रीमान जैन के दृड़ संकल्पित पराक्रम ने श्री दिगम्बर जैन वीर मण्ड़ल के साथ -साथ श्री दिगम्बर जैन पद्मावती पुरवाल जैन समाज का नाम देश -दुनिया में गौरवान्वित किया है| यह राष्ट्रीय सम्मान श्री दिगम्बर जैन वीर मण्ड़ल और श्री दिगम्बर जैन पद्मावती पुरवाल जैन समाज एटा इतिहास के वास्ते “प्रथम सम्मान” है जो सदैव यादगार रूप याद रखा जायेगा|
श्रीमती सत्यती जैन ने पति की मृत्यु के पश्चात छोटे से शब्द ” धैर्य ” को साकार करते हुए अपने छोटे-छोटे बच्चों का पालन-पोषण किया और उन्हें पढ़ाया-लिखाया साथ ही साथ उनके शादी-विवाह भी किये लेकिन उन्होंने आजतक विधावा या वृद्धा पेंशन जैसी कोई सरकारी सहायता -सुविधा नहीं ली है जबकि आज उनकी उम्र 73 वर्ष है उनका कहना है कि- मैं आज भी शारीरिक रूप से स्वस्थ हूँ और स्वस्थ हूँ तो मुझे सरकारी पेंशन की कोई अवश्यकता नहीं है, मैं भगवान महावीर स्वामी से यही प्रार्थना करती हूँ कि हे भगवान तू मुझे स्वास्थ्य रूपी पेंशन ही देता रहे मैं जन्मजन्मानर तक सदैव तेरी आभारी रहूँगी| उन्होंने अपने संदेश रूपी वाक्यों में कहा कि देश-दुनिया में सरकारी पेंशन उन्हें लेनी चाहिए जो वास्तविक रूप से परेशान हैं अगर कोई वृद्धावस्था में भगवान की कृपा से शारीरिक रूप से स्वस्थ है तो उसे पेंशन आदि जैसी सरकारी सहायता या सुविधा नहीं लेनी चाहिए बल्कि ऐसी सुविधाऐं देशहित -समाजहित में छोड़ देनी चाहिए! आगे उन्होंने कहा कि जो लोग शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हुए भी वृद्धावस्था पेंशन के लिए अपनी उम्र के दिन-रात गिनते हैं यह किसी भी प्रकार से उचित नहीं है और ना ही धार्मिक रूप से कल्याणकारी है|
देश-दुनिया के हर व्यक्ति को “अपना हाथ जगन्नाथ” कहावत की भाँति जीवन जीना चाहिए साथ ही साथ आर्थिक तंगी से बचने के लिए अपनी और अपनी सुसंस्कारित संतानों की भुजाओं पर भरोसा करके जीवन यापन करना चाहिए क्योंकि वास्तविक रूप से परेशान व्यक्तियों तक पेंशन आदि जैसी सरकारी सुविधाऐं पहुँचेगी तो यह भी आपके लिए अदृश्य रूप से पुण्य आर्जन का कार्य ही होगा|प्रेषक👉पी.एम.जैन(चीफ एडिटर एवं ज्योतिष विचारक, दिल्ली) मोबाइल-9718544977