संस्कृत दिवस के अवसर पर, राजस्थान सरकार ने डा.हुकमचंद्र भारिल्ल को किया सम्मानित
अगस्त 14!! अ.भा.दि.जैन विद्वत्परिषद आज गौरवान्वित है क्योंकि विद्वत्परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ,शताधिक पुस्तकों के लेखक, सफल प्रवचनकार ,जैनागम के निष्णेता विद्वान तत्ववेत्ता डा.हुकमचंद जी भारिल्ल को उनके द्वारा संस्कृत के विकास में किये गये उल्लेखनीय योगदान के लिए 14 अगस्त को संस्कृत दिवस के अवसर पर संस्कृत शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार द्वारा विद्वत पुरुस्कारों में संस्कृत साधक पुरुस्कार से राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 51000/- की राशि से सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर उन्हें शाल,श्रीफल व प्रशस्ति पत्र भी भेंट किया गया।राज्य के शिक्षा मंत्री श्री सुभाष गर्ग ने डा.भारिल्ल के योगदान की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।स्मरण रहे कि डा.भारिल्ल ने जयपुर में 1977 में श्री टोडरमल दि.जैन सिद्धांत महाविद्यालय की स्थापना कर संस्कृत विषय में निष्णात शास्त्री विद्वान तैयार करने में अनुकरणीय योगदान दिया है।अभी तक इस महाविद्यालय से लगभग 900 विद्वान तैयार होकर देशभर में अध्यात्म की अलख जगा रहे हैं।वर्तमान में इस महाविद्यालय में 200 से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
-अखिल बंसल,महामंत्री
अ.भा.दि.जैन विद्वत्परिषद