जैन दर्शन से भारत की प्रतिष्ठा है👉- प्रो पांडेय


मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए सांख्य योग विभाग के अध्यक्ष डॉ मार्कण्डेय तिवारी जी ने कहा कि जैन दर्शन का योग के विकास में बहुत बड़ा योगदान है ।
इस परंपरा में आदि तीर्थंकर ऋषभदेव सबसे पहले योगी माने जाते हैं जिन्होंने सर्वप्रथम हमें योग विद्या सिखलाई ।

कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य द्वितीय वर्ष की छात्रा दीपा तथा ज्योति ने प्राकृत मंगलाचरण से किया । माननीय कुलपति जी का सम्मान माल्यार्पण तथा विगत सत्र का सामूहिक चित्र भेंट करके विभागाध्यक्ष प्रो अनेकांत कुमार जैन ने किया । सह आचार्य डॉ कुलदीप ने मुख्य अतिथि डॉ. मार्कण्डेय नाथ तिवारी जी का माल्यार्पण करके सम्मान किया ।इस अवसर पर कुलपति जी ने सभी प्रतिभागियों से क्रमशः उनका परिचय प्राप्त किया तथा अध्ययन की उत्सुकता को जाना|

PROF DR ANEKANT KUMAR JAIN
HEAD- Deptt of Jain Philosophy , Faculty of Philosophy
Shri Lalbahadur Shastri Rashtriya Sanskrit Vidyapeeth (Deemed University Under Ministry of HRD )
Qutub Institution Area
New Delhi 110016
Phone 9711397716 anekant76@gmail.com
HEAD- Deptt of Jain Philosophy , Faculty of Philosophy
Shri Lalbahadur Shastri Rashtriya Sanskrit Vidyapeeth (Deemed University Under Ministry of HRD )
Qutub Institution Area
New Delhi 110016
Phone 9711397716 anekant76@gmail.com