जैनाचार्यो द्वारा बाबूलाल शास्त्री सम्मानित
पूर्व जन्म के श्रापित दोषों का समाधान आवश्यक-बाबूलाल शास्त्री
टोंक। मानव जीवन में जो पूर्व जन्म के श्रापित दोष होते है वो वर्तमान में परिवार में घटित होते है। जिनके लक्षण परिवार के सदस्यों की कुंडली में पाये जाते है। जिनका दोष निवारण कराने से परिवार को मुक्ति मिलती है। उक्त विचार बाबूलाल शास्त्री निदेशक मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक द्वारा राष्ट्रीय संत शिरोमणी जैनाचार्य श्री देवेन्द्र सागर सुरीश्वर जी महाराज एवं मुनि पदम सागर जी महाराज की सेवा में बिठ्ठल जैन, श्वेताम्बर संघ नागपुर में 18 से 21 अगस्त तक उपस्थित रहकर ज्योतिष शास्त्र, वास्तु शास्त्र कार्यशाला में अपने व्याख्यान में व्यक्त किये। शास्त्री ने बताया कि मांगलिक दोष का सूर्य, शनि, राहू का केन्द्र त्रिकोण में होने से परिहार होता है।
देवेन्द्र सागर सुरीश्वर महाराज को उनके द्वारा किये जा रहे अनवरत योगदान विश्व शांति एवं मानव कल्याण में किये जा रहे उल्लेखनीय व सलाधय अवधान के लिये अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ पंजीयन नई दिल्ली भारतीय ज्योतिष विज्ञान एवं वैदिक खगोल शास्त्र संस्था जयपुर एवं मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक द्वारा परम पूज्य साहित्य प्रेमी ज्योतिष/वास्तु के विद्धवान प्रवीण प्रवक्ता अंहिसा के पुजारी देवेन्द्र सागर सुरीश्वर महाराज को मनु स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ ंपजीयन नई दिल्ली द्वारा नियोजित पाठ्यक्रम वास्तु रत्न ज्योतिष रत्न में उत्तीर्ण होने के बाद मुनि पदम सागर महाराज को ज्योतिष भूषण में उत्तीर्ण होने पर चैप्टर चैयरमैन बाबूलाल शास्त्री द्वारा उपाधि पत्र दिया गया। बाबूलाल शास्त्री को दिये गये|
व्याख्यान दोष निवारण आदि की जानकारी देने एवं ज्योतिष/वास्तु क्षैत्र में की जा रही सेवाओं, उल्लेखनीय कार्यो के लिये आयोजकों गणेश जैन काका, राजेश मेहता, सुभाष जैन, जैयस चौधरी, यशीमन मेहता, समीता शाह, मंजू चौधरी आदि द्वारा दुपट्टा ओढ़ाकर समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।