मन से विकारों का कचरा हटाकर ही हम स्वच्छ हो सकते हैं:- पंडित लघुनन्दन जैन
इंदौर:- पूरे देश में स्वच्छता अभियान चल रहा है़ इन्दौर उसमे नंबर वन है़। जो स्वच्छ होता है़ वही नंबर बन होता है़ अगर आपको अग्रिम श्रेणी में आना है़ तो मन से लोभ व विकारों का कचरा हटाना पड़ेगा तभी हम उत्तम शौच धर्मः को प्रगट कर स्वच्छ हो पाएगे।
आज यह बात, उत्तम शौच धर्म को परिभाषित करते हुए पर्यूषण पर्व के चौथे दिन, आध्यात्मिक प्रवचनकार पंडित लघुनन्दन जैन ने दिगंबर जैन आदिनाथ जिनालय, छत्रपति नगर में कही।
उन्होंने कहा कि जो स्वच्छ होता है़ वो सबके मन को अच्छा लगता है जैसे मार्ग का कचरा साफ करने से, नगर साफ हो जाता है़ ठीक उसी प्रकार आप अपने मन से महत्वाकांक्षाओ का कचरा हटा लेंगे तो आपका जीवन भी साफ और सुन्दर बन जाएगा और तभी आपके अंतरंग में शौच धर्मः प्रगट होगा।
लोभ और लालच के अभाव में होने वाली अंतरंग शुद्धि का नाम ही शौच धर्मः है़,शुचिता यानी पवित्रता ही शौच धर्मः है़।
जब हमारे अंतरंग से लोभ व विकारों की मलीनता साफ हो जाती है़ तब हमारे अंतरंग में संतोष व सदभाव प्रगट होता है़ इच्छाओं पर वासनाओं का कचरा रहेगा तो लोभ बढ़ेगा।
समाज के संजीव जैन संजीवनी ने बताया कि इस अवसर पर डॉ.जैनेन्द्र जैन, कैलाश जैन नेताजी,,दद्दू राजेश जैन, जितेन्द्र जैन, प्रकाश दलाल व सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।
संजीव जैन संजीवनी