पौराणिक जैन कथानक पर आधारित नाटक “शील सुंदरी मनोरमा” का मंचन किया।


नाटक के जरिए कलाकारों ने संदेश दिया कि पाप का उदय आने पर निष्कलंक को भी असत्य कलंक का आरोप एवं दु:ख भोगना पड़ता है लेकिन दृढ़ विश्वास एवं प्रभू भक्ति के प्रभाव से दुस्चरित्र काआरोप भी असत्य साबित हो जाता है।
नाटक के मुख्य पात्र मनोरमा की भूमिका सारिका जैन ने
पति सुखानंद की भूमिका में पद्मजा जैन ने सास सुब्रता की ज्योति जैन ने एवं राजकुमार की भूमिका सोनाली बागड़िया ने बहुत प्रभावपूर्ण ढंग से निभाई सहयोगी कलाकार के रूप में श्रीमति सुषमा जैन श्रीमती समता सोधिया श्रीमती रवि जैन अतिशय जैन देशना जैन आदि का अभिनय भी सराहनीय रहा
नाटक के प्रमुख पात्रों के संवादों एवं बातचीत को भूपेंद्र जैन मनीष जैन सोनाली बागड़िया मालती जैन एवं पुनीत जैन ने अपनी दमदार आवाज देकर दर्शकों का मन मोह लिया।
इस अवसर पर डॉ जैनेन्द्र जैन, संजीव जैन संजीवनी, श्री कैलाश जैन नेताजी, श्री प्रकाश दलाल, श्री राजेंद्र जैन, इंजी. डी.एल. जैन, श्री जितेंद्र कुमार जैन, राजेश जैन दद्दू आध्यात्मिक कवि एवं प्रवचनकार लघूनंदन जैन आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे=सम्पादक जी प्रकाशनार्थ प्रेषित 👉अध्यक्ष श्रीमती मुक्ता जैन
