कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष एकादशी को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है।
इस बार एकादशी (ग्यारस) तिथि 7 नवंबर एवं 8 नवंबर 2 दिन पड़ रही है। किस दिन करें तुलसी विवाह एवं व्रत पूजन क्या है सही तिथि , सूर्य उदय तिथि एकादशी तिथि मानना उत्तम माना गया है। अतः 8 नवंबर को सूर्य उदया एकादशी तिथि है इसीलिए एकादशी तिथि 8 नवंबर शुक्रवार को ही मनाई जाएगी।
एकादशी तिथि का प्रारंभ 7 नवंबर प्रातः 09:55 से
एकादशी तिथि समाप्ति 8 नवंबर दोपहर 12:24 तक।
*शुभ मुहूर्त*
दिवा मुहूर्त- दोपहर 12:03 से 1:25 तक
रात्रि मुहूर्त- रात 08:48 से 10:26 रात तक।
गोधूलि बेला शाम 5:23 से 5:47 तक
प्रदोष काल बेला शाम के 5:34 से 6:52 शाम तक।
देवउठनी एकादशी के दिन शालिग्राम के साथ तुलसी विवाह कराया जाता है। तुलसी विवाह करने से एक कन्यादान के बराबर की फल की प्राप्ति होती है।
विवाह के समय तुलसी के पौधे को पूजास्थल के या आंगन के बीचोंबीच रखें तुलसी का मंडप गन्ने से सजाएं । तुलसी के पौधे पर चुनरी चढ़ाना आवश्यक है गमले में शालिग्राम रखकर तिल चढ़ाएं। तुलसी और शालिग्राम पर दूध में भीगी हल्दी लगाएं।
अगर संभव हो तो विवाह के समय मंगलाष्टक बोला जाए। तुलसी विवाह के पश्चात तुलसी जी की आरती कर 11 या 21 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें उसके पश्चात प्रसाद वितरण करें।