चमत्कार जी सवाईमाधोपुर(राजस्थान )!!राणा प्रताप ओर मीरा के तप त्याग और साधना की पावन कर्म भूमि राजस्थान के अतिशय तीर्थ क्षेत्र चमत्कार जी मे परम पूज्य बाल ब्र. सिद्धान्त रक्षिका भारत गौरव वात्सल्य करुणा तप त्याग और साधना की साक्षात मूर्ति गुरु माँ गुरु माँ 👉गणिनी प्रमुख आर्यिका श्री विशुद्धमति माताजी की पुरानी पिच्छिका संघस्थ ब्रह्मचारी अदिति दीदी को मिली। जब दीदी द्वारा दो प्रतिमा व्रत का निवेदन किया जो शब्द और भाव उनके थे वह सचमुच गदगद करने वाले थे अदिति दीदी ने अल्प उम्र मे पूर्व मे चर्मण्य वटी के पावन तट पर स्थित धर्मप्राण नगरी कोटा के दशहरा मैदान के विराट मंच पर 8 मार्च को गुरु माँ के स्वर्णिम दीक्षा महोत्सव पावन अवसर पर आजीवन ब्रहम्चर्य व्रत लिया था। साथ ही 2 प्रतिमा व्रत लिया था तब उनका निवेदन पूरे विश्व को भावुक कर गया था हजारो की संख्या में श्रद्धालुगण की आँखों से अश्रु धारा बह निकली थी। स्वयं लेखक पारस जैन “पार्श्वमणि ” भी भाव विभोर हो गए थे। पारस टी वी चेनल के माध्यम से लाखों लोगों ने इस दृश्य को अपनी आँखों से निहार कर जीवन धन्य किया था। सभी अपनी अश्रु धारा नही रोक पा रहे थे। रविवार को माताजी से एक प्रतिमा का और व्रत का निवेदन किया यह कोमल मयूर पिच्छिका पूर्व मे चाहिये थी आज भी चाहिये आप माताजी 3 प्रतिमा व्रत कर मेरा संस्कार कीजिये और मूझे क्रतार्थ कीजिये यह निवेदन इतना भावुक कर देने वाला था सभी की आंखे नम कर गया और सारा मंच तालियो की गूंज से गूंज उठा था संयम पथ पर अदिति ने एक पायदान और पाया जो आज की युवा शक्ति को एक नव प्रेरणा प्रदान करता है आप निरंतर साधना के मार्ग पर आगे बढ़ती रहे।
प्रस्तुति :-राष्ट्रीय संवाद दाता👉पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार कोटा (राज,)