हर हाथ में कलम हो, कोई भी कलम से वंचित ना हो। इसके लिए हर बालक के हाथ में कलम होना जरूरी है। यदि उसने हाथ में कलम पकड़ ली और उसकी ताकत को जान लिया तो समझो उसने अपना जीवन सार्थक कर लिया। वह जिंदगी के कई मुकाम हासिल कर सकता है। कलम वह है, जिसके द्वारा हम अपने शब्द, अपने विचार एक कोरे कागज पर उतार पाते हैं। कलम के तहत पहले पेंसिल चलाना और फिर पेन चलाना सिखाते हैं। कलम के माध्यम से बहुत सारे लेखकों ने लोगों के दिलों पर राज किया है। यह कलम शिक्षक और शिक्षार्थी को दी जाती है तो देश का भविष्य बनाते हैं।
“कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली
दिल ही नहीं दिमागों में भी आग लगाने वाली”
ऐसे में कुछ ऐसी ही सोच के साथ युवा अंशुल जैन बिजोलिया द्वारा हर हाथ कलम अभियान को राज्य में संचालित किया हुआ है। जिससे प्रत्येक बालक के हाथ में कलम हो और वह कलाम जैसा बन सके। युवा अंशुल जैन बिजौलियाँ की पहल पर शुरू हुआ हर हाथ कलम अभियान अब राजस्थान के एक दर्जन जिलों सहित अन्य राज्यों में संचालित हो रहा है। जिसके तहत प्रथम चरण में 7450 पैन, 2470 पेंसिल वितरित की जा चुकी है। वहीं जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए द्वितीय चरण में सरकारी विद्यालयों में मिनी स्टेशनरी बैंक की स्थापना इस अभियान के तहत की जा रही है।
अभियान के विशिष्ठ सलाहकार व टोंक जिला संयोजक दिनकर विजयवर्गीय ने बताया कि इस स्टेशनरी बैंक के माध्यम से विद्यालय के जरूरतमंद बच्चों को निरन्तर आवश्यकता अनुसार शैक्षणिक सामग्री पेन, पेन्सिल, रबर, नोटबुक, रजिस्टर, पट्टी पहाड़ा, स्लेट, कलर, बडता, गणित किट, कपड़े आदि सभी निशुल्क दिए जा रहे हैं। इसकी शुरुआत टोंक जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भवानीपुरा डिग्गी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय ईट भट्टा बस्ती अहमदगंज पालड़ा, रा.प्रा.सं.वि. सीतारामपुरा, रा.उ.मा.वि. मोलाईपुरा, रा.प्रा.वि. मियांरामपुरा, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हाजीपुरा, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बलखंड़िया, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय अरनियामाल तथा नागौर जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रूण, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय इंदोकली सहित 8 विद्यालय, भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर के भरणी कला के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय ओड़िया खेड़ा, अजमेर के अराई ब्लॉक के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय झिरोता, जैसलमेर के बलाड़ ग्राम पंचायत के राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय सऊओ की ढाणी में शहीद पीराराम की स्मृति में मिनी स्टेशनरी बैंक की स्थापना करते हुए ऐसे जरूरतमंदों को आवश्यक सामग्री दी जाकर कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इस तरह राज्य में अन्य सरकारी विद्यालय में भी इसकी स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत कोई भी व्यक्ति मिनी स्टेशनरी बैंक में पेन पेंसिल रबर काफी रजिस्टर कलर आदि शैक्षणिक सामग्री जरूरतमंद के लिए उपलब्ध करवा सकता है। इसी तरह राजस्थान सहित अन्य राज्यों के सरकारी विद्यालय में भी मिनी स्टेशनरी बैंक की स्थापना जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए की जाएगी।
इनका मिला सहयोग –
भानु कुमार जैन जयपुर , मोहित जैन कोठियां शाहपुरा ,श्री राशिद सागर रावतभाटा ,चेतन जैन रावतभाटा, गजेंद्र मोबारसा पाली, गरिमा जैन, मोनिका जैन, संयम जैन बिजौलिया, आयुष जैन बिजौलिया अजमेर से कैलाश जी शर्मा सहित नागौर जिले में राजू देवासी रूण, कालूराम देवासी रूण, रज्जब पांडू रूण, शुभम जैन नागौर, भीखाराम राईका रूण, नजीर अली पांडू रूण, सुरेन्द्र गुर्जर रूण, फखरुद्दीन सैय्यद नागौरी धर्मकांटा रूण, रामपाल पुरी रूण, मोहम्मद शरीफ रूण, जितेंद्र घांची कुचेरा, गजेन्द्र पुरी गोस्वामी रूण, तेजसिंह अखावत इंदोकली, चेनपुरी गोस्वामी, रूण, हुसैन अली सैय्यद रूण, तारीफ सैय्यद रूण, मोहम्मद तौसिफ रूण, मेहराब अली रूण, सलीम अली रूण, श्यामलाल देवासी रूण, रामनिवास यादव सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक, मोहम्मद तारीक सैय्यद,रूण, कपिल दाधिच रूण, पीईईओ सत्तार खान अध्यापक ओमप्रकाश लालरिया , टोंक जिले में शिक्षिका वंदना विजय, अनिल कुमार नागर, आलोक दाधीच, ओम प्रकाश शर्मा, रामावतार शर्मा, बनवारी लाल बैरवा, राजेंद्र कुमार चंदेल, बाबूलाल बैरवा, दिनकर विजयवर्गीय, भीलवाड़ा जिले में सांवरमल कुमावत, कृष्ण गोपाल जांगिड़ आदि सहयोग कर रहे हैं।
इनका कहना है –
जरूरतमंद विद्यार्थियों को विद्यालय से निःशुल्क पुस्तकें तो मिल जाती है, लेकिन जरूरतमंद विद्यार्थियों को अभ्यास पुस्तिका, पेन, पेंसिल, रबर, पट्टी पहाड़ा, स्केच कलर आदि सामग्री खरीदना समस्या बन जाती है। इस समस्या के निराकरण के लिए हर हाथ कलम अभियान के तहत राज्य के कई जिलों में सरकारी विद्यालय में मिनी स्टेशनरी बैंक की स्थापना की जा रही है।
अनिल नागौरी , राज्य सहसंयोजक
इनका कहना है –
जरूरतमंद के लिए कई अभियान चला रखे हैं। हर हाथ कलम अभियान विद्यार्थियों की मदद का अनोखा तरीका है। इसमें स्वयं बच्चे भी भागीदार बनते हैं। विद्यार्थियों से सच्ची दुआ मिलती है। साथ ही दूसरों को भी कुछ अच्छा कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। अभियान का मूल भाव हर लब पर मुस्कान, यहीं हमारी पहचान है।