मंगलमय नववर्ष 2020
डा.निर्मल जैैन (Ex जज)
नए बरस जी!
शुभ-शुभ नए संदेशे लाना
खुदगर्जी की सर्द हवा से ठिठुरा जीवन
प्रीत-नीति की नरम धूप के बिस्तर लाना
सम्वादों की नदिया ऊपर मतभेदों के बांध बन गए
ठंडे होते संबंधों को अपनेपन की ऑंच दिखाना
नए बरस जी
सद्भावों की झील जम गयी रिश्ते-नाते बस मतलब तक
पेंसिल बन लिख सकें भाग्य न बन के रबर दुखदर्द मिटाना
नए बरस जी
मैत्री भाव बढ़े आपस में सब के मुंह में रहे दही गुड़
फिर से बुझे न कोई दामिनी जनजन में सम-भाव जगाना
नए बरस जी,
तोड़ रहे अपने ही हद बर्बरता और जहालत की
ना हो सूनी मांग, गोद कोई सबमें “निर्मल” भाव जगाना
नए बरस जी
नया साल सभी को मंगलकारी हो
जज (से.नि.)
डॉ. निर्मल जैन