कामां (जिला भरतपुर) -: तीर्थंकर भगवंतों के जिनबिम्बों की 👉“अविनय जैसे घोर पाप के बंध” से अब छूटेगा जैन समाज ! कहते हैं कि एक सती ने अपने पूर्वभव में एक तीर्थंकर भगवंत की प्रतिमा जी को मात्र कुछ घंटों के लिए कुँए में छिपा दिया था! जिसके कारण उन्हें पति से दूर और गर्भावस्था के चलते काफी मुसीबत झेलनी पड़ी थी|आज हमारी जैनसमाज का पुण्य जाग्रत हुआ है कि ग्राम नोनेरा,(तहसील कामां, जिला भरतपुर, राजस्थान राज्य) में 528 वर्ष प्राचीन जैन मंदिर जी में दिगम्बर परम्परा से सम्बंधित भगवान सुपार्श्वनाथ एवं दो चन्द्रप्रभु जी की जिन प्रतिमाऐं दशकों से लौहे के तालों और मंदिर प्राँगण में लगे मकडी के जालों बीच विराजमान थी! लेकिन बंधुओं! मंदिर जी में विराजमान तीनलोक के नाथ की प्रतिमाओं का चमत्कार इतना चमत्कारी रहा कि दशकों से मंदिर बंद होने के बावजूद भी जिनप्रतिमाओं पर मिट्टी इत्यादि का एक भी कण टिक नहीं सका|नोनेरा जैन मंदिर की स्थापना सम्बत 1548 को हुई थी