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Home›धर्म-कर्म›नोनेरा में दशकों से तालों में जकड़े👉जिनेन्द्र देव के जैन मंदिर का प्रारम्भ हो चुका है👉जीर्णोध्दार-पी.एम.जैन

नोनेरा में दशकों से तालों में जकड़े👉जिनेन्द्र देव के जैन मंदिर का प्रारम्भ हो चुका है👉जीर्णोध्दार-पी.एम.जैन

By पी.एम. जैन
February 17, 2020
2053
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कामां (जिला भरतपुर) -: तीर्थंकर भगवंतों के जिनबिम्बों की 👉“अविनय जैसे घोर पाप के बंध” से अब छूटेगा जैन समाज ! कहते हैं कि एक सती ने अपने पूर्वभव में एक तीर्थंकर भगवंत की प्रतिमा जी को मात्र कुछ घंटों के लिए कुँए में छिपा दिया था! जिसके कारण उन्हें पति से दूर और गर्भावस्था के चलते काफी मुसीबत झेलनी पड़ी थी|आज हमारी जैनसमाज का पुण्य जाग्रत हुआ है कि ग्राम नोनेरा,(तहसील कामां, जिला भरतपुर, राजस्थान राज्य) में 528 वर्ष प्राचीन जैन मंदिर जी में दिगम्बर परम्परा से सम्बंधित भगवान सुपार्श्वनाथ एवं दो चन्द्रप्रभु जी की जिन प्रतिमाऐं दशकों से लौहे के तालों और मंदिर प्राँगण में लगे मकडी के जालों बीच विराजमान थी! लेकिन बंधुओं! मंदिर जी में विराजमान तीनलोक के नाथ की प्रतिमाओं का चमत्कार इतना चमत्कारी रहा कि दशकों से मंदिर बंद होने के बावजूद भी जिनप्रतिमाओं पर मिट्टी इत्यादि का एक भी कण टिक नहीं सका|नोनेरा जैन मंदिर की स्थापना सम्बत 1548 को हुई थी

जिन मंदिर जी मे श्री 1008 चंन्द्रप्रभु भगवान मूलनायक हैं इसके साथ ही एक प्रतिमा चंन्द्रप्रभु भगवन की और है यानी दो प्रतिमा चन्द्रप्रभु की हैं साथ ही साथ एक प्रतिमा जी श्री 1008 सुपार्श्वनाथ भगवान की है कुल तीन जिन प्रतिमाऐं हैं जोकि सम्बत 1548 की प्रतिमाऐं हैं आज यह मंदिर लगभग 528 वर्ष प्राचीन हैं|मूलनायक प्रतिमा का रंग लाल है एवं अति मनोहर प्रतिमा हैं मंदिर जी के चमत्कार में कई बार कई वर्षों से मंदिर जी की प्रतिमा को अन्यत्र ले जाने की कोशिश की गई लेकिन सारी कोशिश निरर्थक साबित हुई|प्रतिमाओं के चमत्कार पर चर्चा करते हुए मंदिर जी के पडो़स में निवास कर रहे पड़ोसी भूपराम सैनी ने बताया कि मंंदिर जी से अर्द्धरात्रि को संगीतमयी आवाजे आना आम बात है। 👉यह लघु शिखर से युक्त बहुप्राचीन मंदिर कामां से 14 कि.मी.जुरहरा से 6 कि. मी. और होड़ल(हरियाणा) से 8 कि.मी. यानी “टी पाइंट” पर स्थित है|संवत 1548 यानी 528 वर्ष प्राचीन्तम चमत्कारी मंदिर का जीर्णोध्दार हेतु “कार्य योजना” का 👉 संकल्प कामाँ जैन समाज से गौरव जैन(निक्की),उमेश जैन (टीटू) और दिल्ली से पारसमणि जैन “ज्योतिष विचारक” ने लगभग 3वर्ष पूर्व किया था|
लेकिन👉कहते हैं कि समय से पहले कोई कार्य गतिमान नहीं होता है लेकिन अब जीर्णोध्दार हेतु नवीन कमेटी का गठन 15 फरवरी 2020 हो चुका है जिसके अन्तर्गत संरक्षक पद पर ज्ञानचंद जैन,प्रेमचंद जैन,निर्मल कुमार जैन मूल निवासी “नोनेरा” वर्तमान प्रवासी जयपुर, अध्यक्ष पद पर गौरव कुमार जैन(निक्की भाई) कामां,उपाध्यक्ष पद पर-पंकज जैन,महामंत्री महावीर कुमार जैन, जयपुर,मंत्री मोहन लाल जैन दिल्ली, कोषाध्यक्ष उमेश जैन(टीटू भाई) कामां, सह-कोषाध्यक्ष- अशोक कुमार जैन, मीडिया प्रभारी-पारसमणि जैन”ज्योतिष विचारक” एवं  चीफ एडिटर👉“पारस पुुँज” न्यूज नई दिल्ली|
👉सदस्य श्रृंखला में-लख्मी चंद जैन दिल्ली , विजय जैन भरतपुर ,अनिल जैन रामगढ़ ,कैलाश जैन टोंग्या
कामां,अरुण जैन कोसी ,अनूप जैन डीग ,वैभव जैन को स्थायी सदस्य रूप में नियुक्त किया गया है इसके साथ ही साथ आस-पास की सभी जैन समाजों के अध्यक्ष कमेटी के सदस्य रहेंगे|
👉आगे उपरोक्त प्रकरण पर ज्योतिष विचारक ने कहा कि नोनेरा जैन मंदिर के जीर्णोध्दार की शुभघड़ी अब आ चुकी है जिसके चलते अब सुप्तावस्था में रहने वाली यहाँ की भूमि और रक्षक देवों के साथ -साथ समस्त जैन समाज का भाग्य जाग्रत हो चुका है|
ध्यान रखना कि👉जब हम दशकों यानी लगभग 60 वर्षो से तालों में बंद इस प्रचीन मंदिर की प्रतिमाओं सहित जिनमंदिर जी के जीर्णोध्दार में भागीदार बनेंगे तो👉निश्चित मान लेना कि भागीदारों का जन्मान्तरों से सुप्तावस्था अर्थात सोई हुई स्थिति में पड़ा भाग्य भी निश्चित जाग्रत होगा, किसी धार्मिक स्थल की सदियों से सुप्तावस्था में पड़ी भूमि और वहाँ के रक्षकदेव जब जाग्रत होते हैं तो सर्वसमाज के लिए शुभ संकेत देते हैं|हमारे पूर्वाचार्यों से लेकर महान से महान संत आज भी कहते हैं कि एक प्रचीन मंदिर जी का जीर्णोध्दार और उसमें विराजमान जिनप्रतिमाओं को सुरक्षित करना👉 1 हजार नवीन मंदिर बनवाने के बराबर पुण्यार्जन कराता है|
👉मेरा मानना है कि हम वीतरागी भगवंतों की वैयावृत्ति जैसे प्रकरणों में सहयोगी बनने से वंचित रहे होंगे लेकिन उन भगवंतों के जिन प्रतिबिम्बों को तालों से मुक्ति दिलाने में सहयोगी बनकर पुण्य कमाने से नहीं चुकेंगे|
👉बंधुओं मेरे कटु सत्य को झेलने की क्षमता, अपने अन्दर जाग्रत कर लेना और यदि मेरे वचनों से आपको कष्ट पहुँचे तो उसके लिए मैं पूर्व में ही क्षमायाचना करता हूँ |👉अब मेरा मानना है कि हम कितने ही पुण्यकार्य कर लें लेकिन मरणोपराँत हम देवगति से ऊपर नहीं जा सकते यह पंचमकाल का प्रभाव है लेकिन आज नोनेरा के रक्षकदेव खुद ही , हमें निमित्त बनाकर जिनेन्द्रदेव के कार्य हेतु पुकार रहे हैं| जिसके लिए हम सबको तन-मन-धन से सदैव तैयार रहना चाहिए|
मंदिर जी के जीर्णोध्दार में सहयोग के लिए👉स्वर्ण ईट न्यौछाबर राशि 51000/- रुपये एवं रजत ईट की न्यौछाबर राशि 21000/- रखी गयी है जो भी धर्मप्रेमी अपना नाम जीर्णोध्दार में लिखाना चाहे वह अपना  नाम कमेटी को लिखा दें! इसके अतिरिक्त जो भी
दानवीर स्वेच्छा पूर्वक दान राशि देने का भाव बनाता है तो वह महानुभाव दानऱाशि को नगद या मंदिर जी के बैंक खाते में भी जमा करा सकता है।इसके साथ सभी धर्मप्रेमी से करबद्ध निवेदन है कि अपना अमूल्य समय निकालकर मंदिर जी के दर्शन करके पुण्यार्जन अवशय करें|
👉”नोनेरा के रक्षकदेव करें पुकार, आओ हम सब मिल करें जिनमंदिर का जीर्णोध्दार”
👉जैनमंदिर के जीर्णोध्दार में बनें सहयोगी और रहें निरोगी!!
👉करें दान और बनें महान!!
सम्पर्क अध्यक्ष गौरव जैन मो. +91 91667 90970
A/c Name – Shri 1008 Chandraprabhu Digambar Jain Mandir Nonera
Ifsc -RSCB0015007
BRANCH -KAMAN DIST BHARTPUR
Bank -The Bharatpur Central Co-op-Bank .
A/c No – 15007101120004270
प्रेषक👉पारसमणि जैन”ज्योतिष विचारक”एवं चीफ एडिटर”पारस पुँज” न्यूज नई दिल्ली”|

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