ऐतिहासिक जैन युवा सम्मेलन ने उत्तरप्रदेश की धरा पर रचा इतिहास , आर्यिका विकाम्या श्री माता जी की चल पड़ी है अनोखी पहल संस्कार धारा।
प्रवीण जैन (पटना) , मिर्जापुर , 13.02.2020 : उत्तरप्रदेश की पावन धरा गांव मंझवा मिर्जापुर उस वक्त प्रदेश में इतिहास रच डाला जब एक मंच पर मंझवानगरी ही नही बल्कि उसके आसपास के क्षेत्र से भी जैन समाज का संगम हुआ था। मौजूद सभी जैन अनुयायियों ने एक सुर में एक साथ जैन परंपरा के अनुसार विवाह करने और कराने का संकल्प लिया।
जैनाचार्य पूज्य गुरुदेव गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज की सुशिष्या संस्कार प्रणेतृ आर्यिका 105 विकाम्या श्री माता जी के 15 वें दीक्षा दिवस के अवसर पर युवा जागृति आर्यिका विगूँजन श्री माता जी के दिशा निर्देशन में आयोजित हुए भव्य दीक्षा दिवस व जैन युवा सम्मेलन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर ऐतिहासिक बनाया।
आर्यिका विकाम्या-विगूँजन श्री माता जी की प्रेरणा और सानिध्य ने मंझवा के अलावे प्रीतमनगर , बेनीगंज , कोहड़ार घाट , सरायअकिल , बढ़गढ़ , चाकघाट , बनारस में जैन समाज के युवाओं का एक संगठन बनाकर बिखरे जैन समाज को एक सूत्र में बांधने का काम किया है। इस कार्य्रकम में सभी जगह के युवाओं ने भाग लिया और कई युवाओं को अपने विचार रखने का अवसर दिया गया।
इस अवसर पर आर्यिका श्री ने खोई हुई संस्कृति को जगाने और नई चेतना को लाने के उद्देश्य को अमल करते हुए अपने दीक्षा दिवस पर एक नया इतिहास रच डाला। उन्होंने समारोह में उपस्थित सभी जैन श्रद्धालुओं को भविष्य में जैन परम्परा से ही विवाह करने और कराने का मंत्रोच्चार पूर्वक संकल्प दिलाया। जिसे युवाओं ने धर्म के पारंपरिक पथ पर चलकर सहर्ष शपथ लिया।
इस संकल्प के दौरान कुछ श्रद्धालुओं के मन में उठ रही शंका के समाधान कर और सही अर्थ , पारम्परिक विधि से विवाह करने का लाभ बताते हुए संस्कार धारा का प्रवाह किया। जिसमें हजारों की संख्या में देश के विभिन्न प्रांतों से पहुंचे अनुयायियों ने संकल्प लिया। विवाह के बाद युवतियों पर होने वाले अन्याय के खिलाफ जैन साध्वी ने अपनी मुहिम में सभी लोगों को साथ देने का आग्रह की।
साथ ही जैन युवा सम्मेलन में युवाओं को धर्म के मार्ग पर अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया गया और समाज संगठन में एकता का मंत्र दिए गए। जिसे युवाओं ने जिनशासन पथ को निर्वहन करने का आवाज बुलंद किया। इस मौके पर बनाये गए युवा संगठन के सभी पदाधिकारियों को पद की मनोनयन पत्र दिया गया।
वहीं आर्यिका विकाम्या श्री माता जी के दीक्षा दिवस पर श्रद्धालुओं ने उनको उपहार भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।इस अवसर आमंत्रित किये गए तमाम अतिथियों को मोमेंटो , प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मेलन की शुभारंभ दीप प्रज्वलन और बच्चों द्वारा जिन भक्ति नृत्य प्रस्तुति के साथ हुई। जिसमें बच्चों ने अपने मनमोहक प्रस्तुति से लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। जयघोष और तालियों की गड़गड़ाहट से धार्मिक सभा झूम उठा। इस दौरान समारोह स्थल पूरा भक्तिमय बना रहा। सभी भक्तों ने झूमते-नाचते माता श्री को अर्घ्य समर्पित किया।
बता दें कि जैन युवा सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य समाज संगठित हो , धर्म का प्रचार प्रसार हो , जीवन में संस्कार प्रवाहित हो , शिक्षा का प्रसार हो , मिले सबको रोजगार आदि शामिल है।