👉महाभारत के भीष्मपिता वाली बात कह रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी जी
नई दिल्ली -: ज्योतिष विद्या के अन्तर्गत अगर हम कोरोना वायरस पर संक्षिप्त में चर्चा करें तो मेरे मतानुसार-कोरोना की कमर तोड़ने लिए मंगल ग्रह सूर्यदेव का इन्तजार कर रहा है| जानकरी के लिए आपको बता दें कि 24 जनवरी 2020 को शनिग्रह अपनी स्वराशि मकर में प्रवेश कर चुका था और ज्योतिष में मकर राशि को “पृथ्वीतत्व” कहा है इधर राहूग्रह को वायरस और भ्रमित करने वाला ग्रह माना जाता है| वर्तमान में राहू अपनी उच्चराशि मिथुन में भ्रमणशील(गोचर)है और उधर राहूग्रह का धड़(शरीर) कहे जाने वाला👉केतुग्रह भी अपनी उच्चराशि धनु में ब्रह्माण्ड के सबसे बड़े ग्रह👉गुरू के साथ ही गुरू की स्वराशि धनु में भ्रमण कर रहा है|
👉शनिदेव का “पृथ्वीतत्व” स्वराशि मकर में होना और सूर्यदेव का भी 14 जनवरी(मकर संक्रान्ति) से शनि की “पृथ्वी तत्व” राशि मकर में भ्रमण करना और फिर सूर्यदेव का एक माह के लिए शनि की”वायुतत्व” राशि कुम्भ में भ्रमण करते हुए “जलतत्व”राशि मीन में 4 मार्च को प्रवेश करना अर्थात “वायुतत्व शनिग्रह” का पृथ्वीतत्व राशि में भ्रमण करना और अग्नितत्व सूर्यग्रह का जलतत्व राशि में भ्रमण करना भारत में भी “कोरोना” महामारी के प्रकोप को दर्शाता है|
लेकिन अब👉धैर्य-संयम और शाँति का परिचय देते हुए देश की जनता को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है और कोरोना के चलते सरकार द्वारा जनहित में जारी निर्देशों का अवश्य पालन करना है👉क्योंकि अब अग्नि रूपी मंगल ग्रह 22 मार्च से शनि की “पृथ्वीतत्व” स्वराशि मकर में पहुँच चुका है और मकर राशि मंगल के लिए उच्चराशि होती है यानी उच्च का मंगल मकरराशि में भ्रमणशील है और 29-30 मार्च को आकाश सूूूचक गुरूग्रह भी केतुग्रह का साथ छोड़कर पृथ्वीतत्व मकरराशि में प्रवेश करेगा इस राशि में गुरू का नीच राशिगत भ्रमण होता है लेकिन पिता की पदवी से विभूषित- अग्नि रूपी सूर्यदेव अपनी अग्नितत्व उच्चराशि मेष में 14 अप्रैल की सुबह उदित होंगे और कोरोना की कमर तोडते हुए उसका खात्मा करना शुरू कर देंगे|
👉ज्योतिषीय गणना का आंकलन करें तो सूर्यदेव 13 अप्रैल से 14 मई तक मंगलदेव 22 मार्च से 4 मई तक अपनी उच्चराशियों में ही भ्रमणशील रहेंगे और गुरूदेव मकरराशि से 14 मई को वक्रीगति से चलते हुए 30 जून को अपनी स्वराशि धनु में पुन: प्रवेश करेंगे|
सूर्य+मंगल+गुरू आपस में मित्र ग्रह हैं और पिता कहे जाने वाले सूर्य में समस्त ग्रहों को अस्त-पूर्णास्त करने की पूर्ण क्षमता मौजूद होती है साथ ही सभी ग्रह सूर्यदेव की परक्रमा भी करते हैं👉अब मंगलदेव को इन्तजार है तो सिर्फ अपनी “अग्नितत्व” स्वराशि मेष में सूर्यदेव के आने का है जोकि सूर्यदेव 13 अप्रैल सायं के 8 बजकर 23 मिनट पर अपनी उच्चराशि मेष में प्रवेश करेंगे और हमारे भारत में 14 अप्रैल की सुुुबह से कोरोना का खात्मा शुरू होगा लेेेेकिन 👉ध्यान रखना महाभारत से भी बड़़े इस विश्व युुुुद्ध में विशेष रूप से देश की जनता का सहयोग अत्यन्त आवश्यक है!
👉महाभारत के रण में प्रहार को लेकर दुर्योधन का उतावलापन देखते हुए भीष्मपिता ने कहा था कि” प्रहार के लिए समय का इन्तजार करो वत्स!और धैर्य रखना सीखो|”👉आज वही बात हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी जनता से कह रहे हैं जिनकी राशि वृश्चिक और राशि स्वामी मंगल ही है! वहीं देश के गृहमंत्री अमित शाह की राशि भी मेष है जिसका राशि स्वामी भी मंगल है लेकिन👉 देश की राशि धनु है इसलिए देश की जनता को भ्रमित नहीं होना चाहिए मोदी जी द्वारा कही हुई बातों को दृढ़ता से मानें!
🙏सरकार के निर्देशों का अनुसरण करना देशधर्म-देशभक्ति ही है जिसे हम सर्वोपरि धर्म कहते हैं|
उपाय👉संक्षिप्त के तहत, मै यही कहूँगा कि शनिदेव को न्याय और दण्डाधिकारी कहा है और अब 24 जनवरी 2020 से शनिदेव “पृथ्वीतत्व राशि” मकर में ही ढ़ाई वर्ष तक भ्रमण करेंगे जिसके चलते प्रत्येक व्यक्ति को आडम्बर, अहंकार इत्यादि जैसे अनेकों अनैतिक मार्गों और अमर्यादित व अभक्ष्य पदार्थों का त्याग करते हुए भारतीय ऋषि-मुनियों द्वारा निर्देशित मार्गों पर चलना चाहिए और अपने मूलधर्मों का दृड़ता से पालन करना चाहिए|🙏” शनिदेव के दीर्घ उपाय हेतु आगामी लेख का इन्तजार करें🙏|”
👉मित्रों मैं अल्पज्ञ, इसीलिए कहता हूँ कि “ग्रहचक्र ही समय चक्र है! दीर्घकालीन सुखद जीवन के लिए दिनचर्या में परिवर्तन करो जीवन परिवर्तित हो जायेगा”!!🙏अगर हम सब देशवासियों ने सरकार द्वारा देशहित-जनहित में जारी समस्त निर्देशों का पालन दृढ़ता से किया तो भारत “कोरोना को कब्र में निश्चित दफ़ना देगा|लेख में त्रुटि आदि के लिए क्षमायाचना🙏 -पी.एम.जैन”ज्योतिष विचारक” दिल्ली मो.9718544977