अक्षय तृतीया के अवसर पर भगवान आदिनाथ का अभिषेक किया गया।
इंदौर :- अक्षय तृतीया संयम त्याग और तब के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है जैन मान्यताओं में यह दिन भगवानआदिनाथ और उन के कठोर तप से जुड़ा हुआ है। प्राचीन मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान आदिनाथ को 1 साल की कठोर तपस्या के बाद राजा श्रेयांश के यहां आहार की प्राप्ति हुई थी। राजा श्रेयांस ने भगवान आदिनाथ को इक्षु रस अर्थात गन्ने के रस का आहार दान अक्षय तृतीया के दिन दिया था।👉संपूर्ण विश्व में जैन समाज इसे “दान दिवस” के रूप में मनाता है इस दिन सभी समाज जन कुछ न कुछ दान अवश्य करते हैं।श्वेतांबर जैन समाज में आज के दिन ही श्रद्धालु 1 वर्ष की कठोर उपवास की साधना के बाद पारणा करते हैं।आपातकाल के इस दौर में जहां मंदिरों के पट आम जनता के लिए बंद कर दिए गए हैं वही पुजारी और मंदिर से जुड़े एक या दो कार्यकर्ता ही भगवान का अभिषेक और पूजन कर रहे हैं।👉समाज के संजीव जैन संजीवनी ने बताया कि इंदौर के रामाशाह मंदिर, मल्हारगंज में मंदिर से जुड़े श्री प्रतिपाल टोंगिया ने आदिनाथ भगवान का अभिषेक किया।
वहीं दूसरी ओर ग्रेटर बृजेश्वरी दिगंबर जैन मंदिर में पुजारी राजीव जैन ने मुंह पर मास्क लगाकर भगवान आदिनाथ की शांति धारा एवं अभिषेक किया।