श्रमणाचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज आज 22 मई को प्रातः अपने 24 पिच्छीधरी संघ के साथ भगवान महावीर के जन्मस्थल वैशाली (मुजफ्फरपुर) पहुंच गये हैं। राजगृह क्षेत्र के दर्शनोपरांत आपका विहार चल रहा था कि लाकडाउन लग गया था। आपने कुण्डलपुर के निकट चण्डी, नालंदा में दो माह प्रवास किया। साधु संघ में 24 साधु, 16 ब्रह्मचारी, 40 श्रावक सेवक हैं। आपका विहार सम्मेदशिखरजी की ओर चल रहा था। विहार के दौरान आचार्यश्री और संघ स्वयं नजर बनाए हुए थे कि कहीं भी लॉकडाउन नियम का उल्लंघन न हो, संघ के सभी सदस्यों के 4-4 की टोली में पर्सनल शोश्यल डिस्टेंसिंग बनाये हुए चलने के शख्त निर्देश थे। यहां तक कि रास्ते में भी उनके भक्त कहीं दर्शन को ना उमड़ जाए इसका ख्याल पद-विहार की यात्रा भी गुप्त रखी गई थी। संघ व्यवस्था व समाज प्रमुख के अलावे किसी भी अन्य भक्त को इसकी कानो कान खबर तक नही थी। पटना के 35 कि.मी. दूर पहुंचने के उपरांत श्रावकों की भीड़ न उमड़ पड़े इसलिए आपने वैशाली की ओर पद विहार कर दिया था, जिसकी जानकारी अधिक लोगों को नहीं थी। आप संघ सहित 22 मई को वैशाली पहुंच गये हैं इसकी पक्क्ी जानकारी -डाॅ. ऋषभचंद्र जैन फौजदार, वैशाली ने दी तथा बताया कि वहां भगवान महावीर स्मारक समिति ने आचार्यश्री ससंघ की अगवानी की। संघ भगवान महावीर जन्मभूमि मंदिर के पास ही विराजमान है!