बड़े ही गर्व का विषय है कि दिनाँक 👉8 जून 2020* को आचार्य भगवन श्री 108 ज्ञानभूषण जी मुनिराज “रत्नाकर” का 👉23वाँ दीक्षा दिवस* है।
समय की विषमता के कारण भव्य कार्यक्रम संभव नहीं हो सकता,परन्तु हम अपने गुरुदेव के श्रीचरणों में अपनी भावांजलि ज़रूर व्यक्त करें..!
गुरुदेव 21 वीं सदी के वात्सल्य रत्नाकर हैं, कवि ह्रदय हैं, कंठ कोकिल हैं,अत्यंत सरल,सहज और उदारमना गुरुवर भक्तवत्सल हैं,कई उपाधियों से विभूषित होने के बाद भी अनुपम स्नेह और समता के धारी हैं।वात्सल्य तीर्थ मनोज्ञधाम के प्रणेता को शब्दों में बांधना संभव नहीं है, 👉संक्षिप्त परिचय इस तरह है👇🏻
गृहस्थ अवस्था का नाम-अरुण जैन
पिता का नाम-सुखबीर सिंह जैन
माता का नाम-समुन्द्री देवी जैन
बहन-सविता जैन,पूनम जैन
भाई-सतीश जैन,मनोज जैन,सुनील जैन
वैराग्य कारण-गृहस्थावस्था के ताऊ जी का स्थानकवासी सन्त बनना और उनका सानिध्य प्राप्त होना।
दीक्षा दिन-8 जून 1997
दीक्षा गुरु-आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज मुनिराज,आचार्य श्री धर्मभूषण जी मुनिराज
दीक्षित सन्त-साध्वी- श्री निशंकभूषण जी मुनिराज,श्री जिनेशभूषण जी मुनिराज,क्षुल्लक भागेशभूषण जी, क्षुल्लिका ज्ञानगंगा माता जी,क्षुल्लिका ज्ञानमोती माता जी,क्षुल्लिका ज्ञानवर्षा माता जी,क्षुल्लिका ज्ञानवाणी माता जी,
कृपया 4 जून तक अपने भाव/कविता/संस्मरण/भजन आदि 3 से 5 मिनिट के वीडियो में बनाकर निम्न नम्बर पर सेंड करें।
ताकि 8 जून को एक भव्य विनयांजलि *मनोज्ञ वाणी यू ट्यूब चैनल* पर चला सकें।