Paras Punj

Main Menu

  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • खेल
  • ज्योतिष
  • हेल्थ
  • धर्म-कर्म
  • लेख-विचार
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा

logo

Paras Punj

  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • खेल
  • ज्योतिष
  • हेल्थ
  • धर्म-कर्म
  • लेख-विचार
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा
धर्म-कर्म
Home›धर्म-कर्म›*श्रावक शब्द की विविध व्याख्यायें*👉जे. के.संघवी

*श्रावक शब्द की विविध व्याख्यायें*👉जे. के.संघवी

By पी.एम. जैन
June 8, 2020
996
0
Share:
श्रावक शब्द *’श्रु ‘* धातु से बना है, जिसका अर्थ होता है श्रवण करना अथवा सुनना। जो शास्त्रों का श्रवण करता है उसे श्रावक कहते हैं।
 *अभिधान राजेंद्र कोष* के सप्तम खंड में श्रावक को इस प्रकार व्याख्यायित  किया गया है:-
🌷1) जो जिनवाणी का श्रवण करता है, वह श्रावक कहलाता है ।🌷2)जो जिनोक्त तत्वों पर श्रद्धा करता है, सात पुण्य क्षेत्रों में धन का व्यय करता है और कर्म क्षय हेतु प्रयत्नशील बनता है, वह श्रावक कहलाता है ।🌷3)जो साधु के निकट श्रमण समाचारी का श्रवण करता है, वह श्रावक कहलाता है।
 🌸 *श्रा* अर्थात जिनवाणी पर दृढ श्रद्धा और शास्त्र श्रवण ।🌸  *व* अर्थात करणीय- अकरणीय का विवेक । 🌸 *क* अर्थात अशुभ का कर्तन( छेदन) और क्रिया- निष्ठ जीवन ।इन तीनों में सम्यक दर्शन- ज्ञान और चरित्र की स्पष्ट झलक है, जो जिनोक्त वचन पर आस्था धरता है ,जो आत्मा के हित अहित को जानता है और सदाचरण में कुशल है, वह श्रावक है ।
🌹 *आवश्यक वृत्ति*  में श्रावक को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि जिन गृहस्थो में जिन शासन के प्रति भक्ति और प्रीति है, उन्हें श्रावक कहा जाता है।
  🔴 *आगम* पाठों में श्रावक के लिए *समणोवासग* शब्द का प्रयोग हुआ है, जिसका संस्कृत रूपांतरण *श्रमणोपासक* होता है।
 श्रमण का अर्थ होता है साधु और उपासक का अर्थ होता है उपासना करने वाला।
 जो श्रमण की उपासना एवं सेवा भक्ति करता है वह श्रावक कहलाता है।
 🟢 *निशिथ चूर्णि* में दो प्रकार के श्रावक कहे गए हैं ।जो परमात्मा वाणी के प्रति अगाध श्रद्धा से युक्त है, परंतु जिन कथित व्रतों को जीवन में धारण नहीं कर पाते हैं वे दर्शनी श्रावक कहलाते हैं। जो आप्त परमात्म वचनों में दृढ़ श्रद्धान्वित होने के साथ-साथ तदनुरूप आचरण भी करते हैं, वे व्रती   श्रावक कहलाते हैं।
  🔴 जीव दो प्रकार से श्रमणोपासक की भूमिका को प्राप्त करता है ।
🌷1) सम्यकत्व मोहनीय, मिथ्यात्व मोहनीय, मिश्र मोहनीय, अनंतानुबंधी- क्रोध -मान- माया- लोभ तथा अप्रत्याख्यानी क्रोध- मान- माया- लोभ इन एकादश कर्म प्रकृतियों का क्षयोपशम होने से जीव श्रावकत्व की भूमिका में आता है यह निश्चयात्मक कथन है।
🌷 2) द्वादशी व्रत ,एकादश प्रतिमा, मार्गानुसारी जीवन के 35 गुण,21 शुभ लक्षण आदि से युक्त जीव श्रावक कहलाता है। यह व्यवहारिक अपेक्षा का कथन है।
🌹प्रस्तुति 🌹🌹🌹🌹🌹
  *जे के संघवी( थाने- आहोर )*
  भ्रमण ध्वनि 9892007268
🏵🏵🏵🏵🏵🏵🏵🏵🏵
Previous Article

पं. निर्मल जी सतना के देहावसान से ...

Next Article

*आयुष्य कर्म का स्वरुप*👉जे.के.संघवी”(थाने-आहोर

0
Shares
  • 0
  • +
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

Related articles More from author

  • धर्म-कर्म

    लोभ का अभाव शौच धर्म है-डॉ.महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’

    September 2, 2022
    By पी.एम. जैन
  • धर्म-कर्म

    अद्भुत चर्या के धनी हैं सनातन संतमणि बाबा सियाराम जी

    June 19, 2020
    By पी.एम. जैन
  • धर्म-कर्म

    मुनि प्रमाण सागर जी महाराज का मनाया गया 35 वां दीक्षा जयंती, शुरू हुआ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव।*, डिप्टी सीएम तारकिशोर ...

    April 14, 2022
    By पी.एम. जैन
  • Uncategorizedधर्म-कर्म

    मज्जिनेन्द्र जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव -2022, कंगन घाट,पटना साहिब

    April 13, 2022
    By पी.एम. जैन
  • धर्म-कर्म

    दिल्ली हजरत निजामुद्दीन की दरगाह पर भी मनाया जाता है बसंत पंचमी का उत्सव

    February 27, 2019
    By पी.एम. जैन
  • धर्म-कर्म

    राष्ट्रीय एकता संतसमागम में पहुँचे उपाध्याय श्री गुप्तिसागर जी महाराज

    November 4, 2018
    By पी.एम. जैन

  • फैशन

    डिज़ाइनर ज्योति पाटनी द्वारा डिजाइन कपड़ों में मॉडल्स ने किया रेपवॉक

  • जैन समाचार

    दिगंबर जैन सोशल ग्रुप फेडरेशन का राष्ट्रीय शपथ विधि समारोह 26 मार्च को रविंद्र नाट्य गृह में।

  • देश

    कोरोना राहत सेवा👉 Aaशा संगठन ने गरीब परिवारों को बाँटी खाद्यसामग्री

ताजा खबरे

  • शांति, शाश्वत आनन्द के लिए सभी पूर्वाग्रहों, दुराग्रहों से मुक्त हों -महावीर, डॉ. निर्मल जैन (से.नि.न्यायाधीश)
  • खण्डग्रास चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023 सम्पूर्ण भारत देखा दिखाई
  • षड्यंत्रकारियों की लीला से तो कुबेर देवता भी हैरान हैं-पारसमणि जैन
  • कमंडलों ने समाज में फैला डाले सैकड़ों मंडल- पी.एम.जैन
  • जाग बन्धु जाग और *जरा सोच-विचार*-पी.एम. जैन
  • जैन तीर्थ नैनागिरि में फिर टूटे ताले
  • महर्षि बाबूलाल शास्त्री जयपुर में वैदिक संस्कृति संरक्षक एवं महामहोपाध्याय पंडित राजेन्द्र शास्त्री पाण्डेय सम्मान से सम्मानित
  • जो प्यासे हो तो साथ रखो अपना पानी भी,विरासत में तुम्हें कोई कुआं नहीं देगा। डॉ. निर्मल जैन (से.नि.जज)
  • सम्प्रदायवाद,जातिवाद से दूर सभी संत,पंथ को स्वीकार्य धर्म के दशलक्षण-डॉ निर्मल जैन (से.नि.) जज
  • *दिव्य मंत्र महाविज्ञान*

Find us on Facebook

विज्ञापन

मेन्यू

  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • खेल
  • ज्योतिष
  • हेल्थ
  • धर्म-कर्म
  • लेख-विचार
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा

ताजा खबरे

  • शांति, शाश्वत आनन्द के लिए सभी पूर्वाग्रहों, दुराग्रहों से मुक्त हों -महावीर, डॉ. निर्मल जैन (से.नि.न्यायाधीश)
  • खण्डग्रास चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023 सम्पूर्ण भारत देखा दिखाई
  • षड्यंत्रकारियों की लीला से तो कुबेर देवता भी हैरान हैं-पारसमणि जैन
  • कमंडलों ने समाज में फैला डाले सैकड़ों मंडल- पी.एम.जैन
  • जाग बन्धु जाग और *जरा सोच-विचार*-पी.एम. जैन
  • जैन तीर्थ नैनागिरि में फिर टूटे ताले
  • महर्षि बाबूलाल शास्त्री जयपुर में वैदिक संस्कृति संरक्षक एवं महामहोपाध्याय पंडित राजेन्द्र शास्त्री पाण्डेय सम्मान से सम्मानित
  • जो प्यासे हो तो साथ रखो अपना पानी भी,विरासत में तुम्हें कोई कुआं नहीं देगा। डॉ. निर्मल जैन (से.नि.जज)
  • Home
  • Contact Us