23 वें दीक्षा दिवस के शुभावसर पर आचार्य श्री ज्ञानभूषण जी महाराज के चरण कमलों में एक पंक्ति भावांजलि👉 पी.एम.जैन
🙏 ज्ञानभूषण, ज्ञानाभूषण, हम नित-नित वंदन करते हैं हम अभिनन्दन करते हैं!!
👉यह, वात्सल्य की पराकाष्ठा, प्रेम की बात बताते हैं!इसलिए🙏हम नित-नित वंदन करते हैं, हम नित अभिनन्दन करते हैं!!
👉यह, रत्नप्रभा के हैं रत्नाकर, जो “रत्नत्रय” व्रत रखते हैं!
…🙏हम नित-नित वंदन करते हैं हम नित अभिनन्दन करते हैं!!
👉यह, काया के कंचन हैं गुरूवर, और काया कुंदन करते हैं!
…🙏हम नित-नित वंदन करते हैं,हम नित अभिनन्दन करते हैं!!
👉यह,भगवंतों के लघुनन्दन, हम इनका पूजन करते हैं!
…🙏हम नित-नित वंदन करते हैं हम नित अभिनन्दन करते हैं!!
👉यह, भाग्यविधाता सबके दाता, दीक्षा प्रदाता कहते हैं!
…🙏हम नित-नित वंदन करते हैं हम नित अभिनन्दन करते हैं!!
👉यह, विश्व भारती के हैं चंदन, ज्ञान की गंगा बहाते हैं!
…🙏हम नित-नित वंदन करते हैं,हम नित अभिनन्दन करते हैं!!
👉यह, ज्ञानावर्णी ज्ञान के ज्ञाता ज्ञान की वर्षा करते हैं!
…🙏हम नित-नित वंदन करते हैं, हम नित अभिनन्दन करते हैं!!
👉यह, ज्ञान समुंद्री की भक्ति से ज्ञान की वाणी सुनाते हैं!
…🙏हम नित-नित वंदन करते हैं, हम नित अभिनन्दन करते हैं!!
👉यह, ज्ञानान्नदा करके मंथन, ज्ञान के मोती चुनते हैं!
…🙏हम नित-नित वंदन करते हैं,हम नित अभिनन्दन करते हैं!!
👉यह, ज्ञान की आभा, ज्ञान के चक्षु, पुण्य का बंधन करते हैं!
…🙏हम नित-नित वंदन करते हैं, हम नित अभिनन्दन करते हैं!!
👉यह,दीक्षा दिवस है,पर संसार विवश है इसका चिंतन करते हैं!
…🙏हम नित-नित वंदन करते हैं,हम नित अभिनन्दन करते हैं!!
👉दोहा- दीक्षा दिवस को देखकर चक्षु खोलें हर जीव,
संसार भंवर के रणबाँकुरे हो जाए सुखवीर!!
रसनाइन्द्री को वशकरन, चाहे रस छोड़ो गुरूदेव!
पर “पारस” को मत छोड़ना, बस यही मेरा संदेश!!
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👉ऊँ हूँ परम पूज्य आचार्य 108 श्री ज्ञानभूषण जी महाराज महागुरूभ्यों नम:|
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त्रिकाल👉नमोस्तु गुरूवर,नमोस्तु गुरूवर,नमोस्तु गुरूवर