नई दिल्ली-: भारत में कंकणाकृति सूर्यग्रहण यानी “कंगन” के आकार का ग्रहण होगा! 21जून 2020 तिथि आषाढ़ कृष्णा अमावस्या दिन रविवार के दिन भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार सुबह 9 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 04 मिनट तक रहेगा|
👉भारतीय भूभाग पर इस सूर्यग्रहण को सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर के 2 बजकर 30 मिनट तक ही देखा जा सकेगा|
👉दिल्ली में सूर्यग्रहण को सुबह 10 बजकर 19 मिनट से दोपहर 2 बजकर 02 तक के बीच, बिना दूरवीक्षण यंत्र के “खग्रास स्थिति में देख पाना असंभव सा प्रतीत होगा|
👉ध्यानर रखना- सूर्यग्रहण को कभी नंगी आँखों से नहीं देखना चाहिए|
👉 भारतीय कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण का सूतक समय 20 जून शनिवार की रात्रि 10 बजकर 20 मिनट से शुरू हो जायेगा! कहते हैं कि सूतक समय में बच्चों, वृद्धों, बीमार व्यक्ति और आसक्क्तजनों को छोड़कर अन्य किसी भोजन और शयनादि नहीं करना चाहिए|
👉यह सूर्यग्रहण मृगशिरा नक्षत्र और मिथुन राशि( नामाक्षर-क, की,कू,के,को, घ,ड.छ,ह) में हो रहा है! इसलिए ज्योतिषीय मतानुसार यह👇
मेष,सिंह,कन्या,मकर,मीन वालों को श्रेष्ठ! बृष,तुला,धनु वालों को मध्य और मिथुन,कर्क,वृश्चिक, और कुम्भ राशि वालों के लिए नेष्ट फलप्रद रहेगा|
नोट-👉व्यक्ति को नेष्ट शब्द सुनकर घबराना नहीं चाहिए बल्कि श्रेष्ठ फल को सर्वश्रेष्ठ और मध्य फल एवं नेष्ट को श्रेष्ठ बनाने के लिए ग्रहण अवधि में मन को शाँत करके चलते-फिरते या फिर बैठकर अपने इष्टदेव का नाम जप करना चाहिए!
👉जिन महिलाओं की कोख में शिशु पल रहे हों उन्हें तीक्ष्ण धारदार चाकू,छुरी,दंरात,गंडासा आदि से फल, सब्जी इत्यादि नहीं काटना चाहिए! साड़ी के पल्लू को रंगकर बैठना चाहिए! अगर सम्भव हो सके तो साड़ी के पल्ले की झोली में फल या मेवा लेकर बैठना चाहिए और ग्रहण शाँति के उपरांत झोली का सामान सफाईकर्मी को दे देना चाहिए|