नई दिल्ली-: हम आर्थिक चुनौतियों के दौर में हैं। बहुत से लोगों के व्यवसाय और धंधे खत्म हो गए होंगे बहुत से लोगों की नौकरी चली गई होगी या जा सकती है। सैलरी कम हो गई होगी या हो सकती है।
*याद रखना है कि यह हालात आपकी वजह से नहीं आए हैं।
* आप ख़ुद को दोष न दें। न हार, अपमानित महसूस करेंगे तो रास्ता नज़र नहीं आएगा लेकिन हिम्मत न हारें।
*कम से कम खर्च करें।* अपनी मानसिक परेशानियों को लेकर अकेले न रहें।
*दोस्तों से बात करें! धर्म की शरण लें, धर्मिक ग्रंथ पढ़े-पढ़ायें, रिश्तेदारों से बात करें।
*किसी तरह का बुरा ख़्याल आए तो न आने दें।* इस स्थिति से कोई नहीं बच सकता।
*अपनी भाषा या सोच ख़राब न करें। कुछ भी हो जाए, जीना है, कल के लिए। धीरज रखें। कम में जीना है। यह वक्त आपका इम्तहान लेने आया है।
*भरोसा रखिए जब आप एक बार शून्य से शुरू कर यहाँ तक आऐ है तो एक और बार शून्य से शुरू कर आप जहाँ चाहेंगे वहाँ पहुँच जाएँगे।
*बस यूँ ही समझिए कि आप लूडो-सांप सीढ़ी खेल रहे थे। 99 पर साँप ने काट लिया है लेकिन आप गेम से बाहर नहीं हुए हैं। क्या पता कब सीढ़ी मिल जाए।
👉हसा कीजिए,योगा कीजिए! थोड़े दिन झटके लगेंगे। उदासी रहेगी लेकिन अब यह कोरोना आ गया है तो देख लिया जाएगा यह सोच कर रोज जागा कीजिए|