कोरोना से प्रभावित जैन मरीजों का इलाज अहिंसक व सात्विक पध्दति से किया जाए।:- संजीव जैन “संजीवनी” इंदौर
👉जैन समुदाय के लोग अपने अहिंसक खानपान और आचार,विचार के लिए संपूर्ण विश्व में जाने जाते हैं एवं कट्टरता से इसका पालन करते हैं!
भारत के प्रत्येक राज्य में कोरोना से निपटने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं यह बीमारी एक व्यक्ति से अनेक व्यक्तियों में फैल सकती है इसलिए कोरोना प्रभावित व्यक्तियों के इलाज के लिए भीड़भाड़ से दूर, अलग अस्पताल अथवा रोग निवारक सेंटर बनाए गए हैं जहाँ अन्य साधारण व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित होता है।
👉कोरोनावायरस से प्रभावित लोगों की खानपान, दवा व रहने की व्यवस्था जन सामान्य के हिसाब से सेंटर को संचालित करने वाले लोगों के ही द्वारा की जाती है जो तय मापदंड से समूची व्यवस्था को संचालित करते है।
👉कोरोनावायरस प्रभावित प्रभावित लोगों के लिए विटामिन व प्रोटीन से भरपूर खाना दिया जाता है जिसमें अंडा, लहसुन,प्याज व अन्य ऐसे पदार्थ शामिल होते हैं जिसे जैन लोग अपने खाने में शामिल नहीं करते है।
👉यह रोग संक्रमण से फैलता है इसलिए मरीज को घर के लोगों से मिलने नहीं दिया जाता है और ना ही परिवार के लोग किसी तरह की खाद्य सामग्री या अन्य आवश्यक वस्तुएँ मरीज को देने आ सकते हैं। मरीज पूरी तरह अस्पताल प्रशासन पर निर्भर होता है।
👉भारत एक प्रजातांत्रिक देश है और सभी प्रजातांत्रिक सरकारें लोगों का कल्याण करने के लिए, लोगों के हिसाब से लोक कल्याणकारी कार्यक्रम व योजनाएं चलाती हैं और उनका संचालन करती है।
👉जैन समुदाय के लोगों को भी अपने हितों की रक्षा के लिए इसकी पहल करनी होंगी और इसके लिए मांग करनी होंगी व शासन स्तर पर प्रस्ताव पास करवाना होगा जिससे जैन समुदाय के लोगों को अपनी जीवन जीने की शैली को यथायोग्य बनाए रखने में मदद मिल सके ।
👉सभी प्रभावशाली जैन व अहिंसक संत समुदाय,उच्च पदासीन अधिकारियों, पत्रकारों, उद्योगपतियों, राजनेताओं समाजसेवियों को अपने अपने स्तर से इसके लिए प्रयास करना चाहिए।
👉हममे से कोई भी नहीं जानता है कि कब, कौन, कहाँ इस बीमारी से प्रभावित हो जाएं और उसको इन व्यवस्थाओं के बीच अपने जीवन की परंपरागत व अहिंसक जीवन जीने की शैली से समझौता करना पड़े क्योकि “जान है तो जहान है।”
👉जैन समुदाय एक संपन्न, प्रभावशाली और भामाशाह समाज है हम अपनी ही मदद नहीं करेंगे तो दूसरे हमारे बारे में कैसे सोचेंगे?
👉अपनी अपेक्षा के साथ साथ हम सरकारों को इस कार्य में मदद की पेशकश भी कर सकते हैं।
👉हमारे समाज के भवन , धर्मशालाएं और संत सदन जैन मरीजों को रखने के लिए दिए जा सकते हैं। मुम्बई जैन समाज का एक भवन इस कार्य के लिए दिया भी गया है जो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ है। अन्य कई जगह भी ऐसा हुआ है और हो रहा है।
👉समाज के दानदाता,परोपकारी संस्थाएं, ट्रस्ट, सोशल ग्रुप व अन्य लोग भी इस महत्वपूर्ण कार्य में जिम्मेदारी लेने आगे आ सकते है।
👉इस कार्य के लिए प्रशासनिक पदों पर बैठे समाज के आइ ए एस, आई पी एस अधिकारियों, समाजसेवियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, होटल व रेस्टोरेंट मालिकों की भी सहायता ली जा सकती है एवं इन्हें स्वयं भी इसकी पहल करना चाहिए।
👉वर्तमान विश्वव्यापी कोरोनावायरस महामारी के दौरान जैन समुदाय द्वारा तन, मन, धन से संपूर्ण देश में सरकारों और प्रशासन को सहयोग किया है, और किया जा रहा है जिसे देश के शासक वर्ग ने स्वीकार किया है और सराहा भी है।
👉अतः सरकारे भी जैन समाज की इस भावना का सम्मान अवश्य करना चाहेंगी व लोक कल्याणकारी व समाज हितेषी सरकारों व राजनीतिक पार्टियों के लिए भी यह आवश्यक रूप से लाभदायक होगा