कोरोना महामारी कारण शासन निर्देशों के पालन में बेलगाम में समाज एवम भक्तों का प्रवेश नहीं था
इस कारण जैनम ऐप के माध्यम से हजारों गुरु भक्तों ने आचार्य संघ के दर्शन। गुरु भक्ति विनयांजलि भावांजलि अपने नगरों से प्रस्तुत करने का अवसर पुण्य प्राप्त किया!
इस अवसर पर आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने प्रवचन में पूर्वाचार्यो आचार्य श्री शान्तिसागर जी आचार्य श्री वीर सागर जी आ श्री शिव सागर जी आचार्य श्री धर्म सागर जी आचार्य श्री अजीत सागर जी आचार्य कल्प श्री श्रुत सागर जी द्वारा दी गई शिक्षा गुरु कृपा का स्मरण कर कृतज्ञता प्रकट की
वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी ने बताया कि गुरु का नाम मन वचन काय से स्मरण किया जाता है
गुरु का नाम सदैव दिल से याद करने वाले पुण्य शाली भव्य जीव होते हैं
वह श्रावक मोक्ष मार्ग में अग्रसर होते हैं
आचार्य श्री ने भगवान महावीर के शासनकाल का उल्लेख कर बताया कि भगवान महावीर को केवल ज्ञान प्राप्ति के 66 दिनों तक ध्वनि नहीं ख़िरी प्रकट नहीं हुई
सौधर्म इंद्र इसका कारण जानने का प्रयास करते हैं
इंद्र भूति विद्वान से मिलते हैं उस समय इंद्र भूति को अपनी विद्या का अपने ज्ञान का बहुत अहंकार। मान था
वह 500 शिष्यों के साथ भगवान महावीर के समवशरण में आता है !
मान स्तंभ भगवान महावीर स्वामी को देखकर उसका घमंड ज्ञान का अहंकार चूर-चूर नष्ट हो जाता है
वह सोचता है कि भगवान महावीर तो स्वयं ज्ञान के हिमालय हैं
मेरा इनके सामने क्या वजूद अस्तित्व है
वह नतमस्तक होकर झुक जाता है
और उन्होंने फिर दिगंबर दीक्षा धारण की
गुरु का बहुत महत्व है भगवान महावीर महागुरु रहे हैं
भगवान अपनी वाणी से जन जन का कल्याण करते हैं!
आचार्य श्री शांति सागर जी गुरुणा गुरु कहलाए
क्योंकि उनके दीक्षा गुरु श्री देवेंद्र कीर्ति स्वामी जी ने आचार्य शांतिसागर जी से फिर दीक्षा ली थी
आचार्य शांतिसागर जी ने अपने प्रमुख सूत्रों में श्रावक को प्रतिदिन स्वाध्याय कर आत्मा का चिंतन करने की प्रेरणा दी थी
शरीर और आत्मा भिन्न है
गुरुओं को उपदेश को पालन कर गुरुओं के चरणों से गुरुत्व को प्राप्त कर सकते हैं तभी आपका गुरु पूर्णिमा पर्व मनाना सार्थक होगा=
महासभा को प्रेरणा दी कि नए कार्यो योजनाओं के साथ पुराने हितकारी कार्य भी जारी रखे
आचार्य श्री के मंगल प्रवचन के पूर्व जेनम ऐप महासभा के माध्यम से देश के अनेक राज्यों के हजारों भक्तों को इस अवसर पर अपनी भावांजलि प्रस्तुत करने का अर्ध समर्पण करने का आचार्य श्री की पूजन करने का अवसर प्राप्त हुआ!
गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम के शुभारंभ आचार्य शांतिसागर जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करने का सौभाग्य श्री पुष्पक जी श्री अभिनंदन जी श्री राजू जैन श्री विनोद जी बेलगाम सहित बेलगाम चतुर्मास समिति को सौभाग्य मिला!
मंगलाचरण संधस्थ बाल ब्रह्मचारी पूनम दीदी और दीप्ति दीदी ने किया
श्रीमती तारा देवी सेठी जी ने तथा प्रसिद्ध संगीतकार श्री रूपेश जैन टीकमगढ़ ने सुंदर भजनों की प्रस्तुति की
श्री निर्मल जी सेठी महासभा। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आ. श्री के प्रति विनयांजलि प्रस्तुत कर महासभा की योजनाओं की जानकारी दी श्री कपूर चंद जी पाटनी गोहाटी पंडितश्री श्रेयांस जी बड़ौत श्री हेमंत जी सोगानी श्री पद्मप्रभु जी श्री अभय जी पाटिल बेलगाम श्री संजय जी पाटिल बेलगाम द्वारा भी विचार प्रगट किये गये!
कार्यक्रम में धर्म सभा का संचालन पूज्य मुनि श्री अपूर्व सागर जी ने तथा जूम ऐप के माध्यम से संचालन श्री राकेश जी सेठी जयपुर द्वारा किया गया!
इस अवसर पर श्री विजय जी श्रीमती मीना निवासी कोलकत्ता को आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ!आचार्य श्री वर्धमान सागर जी को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य साधना कंठाली इंदौर को प्राप्त हुआ !
इस अवसर पर पुण्यार्जक परिवार द्वारा प्रकाशित साहित्य का विमोचन आचार्य श्री के समक्ष साधना कंठाली श्री गजू भैया तथा अन्य द्वारा किया गया!
आचार्य श्री की पूजन संघस्थ भैया दीदीयों एवं चौका लगाने वाले आदि सभी भक्तगणों द्वारा की गयी|
☝राजेश पंचोलिया इंदौर”वात्सल्य वारिधि भक्त परिवार”