Paras Punj

Main Menu

  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • खेल
  • ज्योतिष
  • हेल्थ
  • धर्म-कर्म
  • लेख-विचार
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा

logo

Paras Punj

  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • खेल
  • ज्योतिष
  • हेल्थ
  • धर्म-कर्म
  • लेख-विचार
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा
धर्म-कर्म
Home›धर्म-कर्म›जैन समुदाय के लोग प्रायश्चित के तौर पर अपने गुरू-प्रभु के समक्ष इस तरह करते हैं👉 निज आलोचना

जैन समुदाय के लोग प्रायश्चित के तौर पर अपने गुरू-प्रभु के समक्ष इस तरह करते हैं👉 निज आलोचना

By पी.एम. जैन
August 23, 2020
494
0
Share:

आलोचना पाठ

बंदों पाँचों परम-गुरु, चौबीसों जिनराज।

करूँ शुद्ध आलोचना, शुद्धिकरन के काज ॥

सुनिये, जिन अरज हमारी, हम दोष किए अति भारी।
तिनकी अब निवृत्ति काज, तुम सरन लही जिनराज ॥इक बे ते चउ इंद्री वा, मनरहित सहित जे जीवा।
तिनकी नहिं करुणा धारी, निरदई ह्वै घात विचारी ॥

समारंभ समारंभ आरंभ, मन वच तन कीने प्रारंभ।
कृत कारित मोदन करिकै, क्रोधादि चतुष्ट्‌य धरिकै॥

शत आठ जु इमि भेदन तै, अघ कीने परिछेदन तै।
तिनकी कहुँ कोलौं कहानी, तुम जानत केवलज्ञानी॥

विपरीत एकांत विनय के, संशय अज्ञान कुनयके।
वश होय घोर अघ कीने, वचतै नहिं जात कहीने॥

कुगुरुनकी सेवा कीनी, केवल अदयाकरि भीनी।
याविधि मिथ्यात भ्रमायो, चहुँगति मधि दोष उपायो॥

हिंसा पुनि झूठ जु चोरी, पर-वनितासों दृग जोरी।
आरंभ परिग्रह भीनो, पन पाप जु या विधि कीनो॥

सपरस रसना घ्राननको, चखु कान विषय-सेवनको।
बहु करम किए मनमाने, कछु न्याय-अन्याय न जाने॥

फल पंच उदंबर खाये, मधु माँस मद्य चित्त चाये।
नहिं अष्ट मूलगुण धारे, विषयन सेये दुखकारे॥

दुइवीस अभख जिन गाये, सो भी निस दिन भुँजाये।
कछु भेदाभेद न पायो, ज्यों त्यों करि उदर भरायौ॥अनंतानु जु बंधी जानो, प्रत्याख्यान अप्रत्याख्यानो।
संज्वलन चौकड़ी गुनिये, सब भेद जु षोडश मुनिये॥

परिहास अरति रति शोग, भय ग्लानि तिवेद संजोग।
पनवीस जु भेद भये इम, इनके वश पाप किये हम॥

निद्रावश शयन कराई, सुपने मधि दोष लगाई।
फिर जागि विषय-वन भायो, नानाविध विष-फल खायो॥

आहार विहार निहारा, इनमें नहिं जतन विचारा।
बिन देखी धरी उठाई, बिन सोधी बसत जु खाई॥

तब ही परमाद सतायो, बहुविधि विकल्प उपजायो।
कुछ सुधि बुधि नाहिं रही है, मिथ्या मति छाय गई है॥

मरजादा तुम ढिंग लीनी, ताहूँमें दोष जु कीनी।
भिन-भिन अब कैसे कहिये, तुम खानविषै सब पइये॥

हा हा! मैं दुठ अपराधी, त्रस-जीवन-राशि विराधी।
थावर की जतन ना कीनी, उरमें करुना नहिं लीनी॥

पृथ्वी बहु खोद कराई, महलादिक जागाँ चिनाई।
पुनि बिन गाल्यो जल ढोल्यो, पंखातै पवन बिलोल्यो॥

हा हा! मैं अदयाचारी, बहु हरितकाय जु विदारी।
तामधि जीवन के खंदा, हम खाये धरि आनंदा॥

हा हा! मैं परमाद बसाई, बिन देखे अगनि जलाई।
ता मधि जे जीव जु आये, ते हूँ परलोक सिधाये॥बींध्यो अन राति पिसायो, ईंधन बिन सोधि जलायो।
झाडू ले जागाँ बुहारी, चिवंटा आदिक जीव बिदारी॥

जल छानी जिवानी कीनी, सो हू पुनि डार जु दीनी।
नहिं जल-थानक पहुँचाई, किरिया विन पाप उपाई॥

जल मल मोरिन गिरवायौ, कृमि-कुल बहु घात करायौ।
नदियन बिच चीर धुवाये, कोसन के जीव मराये॥

अन्नादिक शोध कराई, तामे जु जीव निसराई।
तिनका नहिं जतन कराया, गलियारे धूप डराया॥

पुनि द्रव्य कमावन काजै, बहु आरंभ हिंसा साजै।
किये तिसनावश अघ भारी, करुना नहिं रंच विचारी॥

इत्यादिक पाप अनंता, हम कीने श्री भगवंता।
संतति चिरकाल उपाई, बानी तैं कहिय न जाई॥

ताको जु उदय अब आयो, नानाविधि मोहि सतायो।
फल भुँजत जिय दुख पावै, वचतै कैसे करि गावै॥

तुम जानत केवलज्ञानी, दुख दूर करो शिवथानी।
हम तो तुम शरण लही है, जिन तारन विरद सही है॥

जो गाँवपति इक होवै, सो भी दुखिया दुख खोवै।
तुम तीन भुवन के स्वामी, दुख मेटहु अंतरजामी॥

द्रोपदि को चीर बढ़ायो, सीताप्रति कमल रचायो।
अंजन से किये अकामी, दुख मेटहु अंतरजामी।

मेरे अवगुन न चितारो, प्रभु अपनो विरद निम्हारो।
सब दोषरहित करि स्वामी, दुख मेटहु अंतरजामी॥

इंद्रादिक पद नहिं चाहूँ, विषयनि में नाहिं लुभाऊँ।
रागादिक दोष हरीजै, परमातम निज-पद दीजै॥

दोषरहित जिन देवजी, निजपद दीज्यो मोय।
सब जीवन को सुख बढ़ै, आनंद मंगल होय॥

अनुभव मानिक पारखी, ‘जौहरि’ आप जिनंद।
यही वर मोहि दीजिए, चरण-सरण आनंद।

 

Previous Article

जैन समुदाय के लोग प्रायश्चित तौर पर ...

Next Article

जैनधर्म के*💢दसलक्षण पर्व का तीसरा दिन💢* जानिऐ👉उत्तम ...

0
Shares
  • 0
  • +
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

Related articles More from author

  • धर्म-कर्म

    मदन लाल जैन ने धारण किया ब्रह्मचर्य व्रत

    October 16, 2018
    By पी.एम. जैन
  • धर्म-कर्म

    {सर्वपितृ अमावस्या, अकाल मृत्यु वालों का कब होता है श्राद्ध}

    September 16, 2020
    By पी.एम. जैन
  • धर्म-कर्म

    केवल पुत्रों के नाम जपने पर भी लक्षमी माँ दौड़ी चली आती है👉प्रेषक- पी.एम.जैन

    October 22, 2019
    By पी.एम. जैन
  • धर्म-कर्म

    जिसके दिल में क्षमा, वह सबके दिल में जमा-आचार्य अतिवीर मुनि

    September 9, 2022
    By पी.एम. जैन
  • धर्म-कर्म

    अष्टलक्ष्मी:जानिए महालक्ष्मी के 8 विविध स्वरूप👉P.m.jain

    November 11, 2020
    By पी.एम. जैन
  • धर्म-कर्म

    भव्य वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव सानन्द सम्पन

    December 14, 2019
    By पी.एम. जैन

  • जैन समाचार

    आचार्य शांतिसागर-राष्ट्रीय विद्वत्संगोष्ठी संपन्न

  • धर्म-कर्म

    दोउ काम नहिं होत सयाने

  • धर्म-कर्म

    सूरिमंत्र अनेक और भ्रम भी अनेक

ताजा खबरे

  • वर्तमान की सभी विकृतियों का समाधान,केवल महावीर*डा निर्मल जैन*जज*
  • जैन समाज में दुःखद खबर
  • जैन विद्या के विविध आयाम युवा विद्वत्संगोष्ठी एवं विद्वत् सम्मेलन सफलता पूर्वक सम्पन्न 51 विद्वान हुए सम्मिलित
  • श्री महावीर जी संग्रहालय की दुर्लभ जिन प्रतिमाऍ
  • देव शास्त्र गुरु अनुशीलन राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी सम्पन्न
  • भौतिकवादी संसार में शांत, सुखी जीवन का मार्ग*दशलक्षणपर्व* -डॉ निर्मल जैन (से.नि.) न्यायाधीश नई दिल्ली
  • जैन पर्व अनुशीलन राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी सफलतापूर्वक संपन्न
  • *महिला जैन मिलन पारस द्वारा आयोजित तीज कार्यक्रम में रजनी जैन वाइफ ऑफ राहुल जैन बनी तीज क्वीन*
  • भीतर से खोखले ही होते हैं-डॉ.निर्मल जैन (से.नि.न्यायाधीश)
  • गोमेद व अम्बिका यक्ष-यक्षी की स्वतंत्र युगल प्रतिमाएँ

Find us on Facebook

विज्ञापन

मेन्यू

  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • खेल
  • ज्योतिष
  • हेल्थ
  • धर्म-कर्म
  • लेख-विचार
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा

ताजा खबरे

  • वर्तमान की सभी विकृतियों का समाधान,केवल महावीर*डा निर्मल जैन*जज*
  • जैन समाज में दुःखद खबर
  • जैन विद्या के विविध आयाम युवा विद्वत्संगोष्ठी एवं विद्वत् सम्मेलन सफलता पूर्वक सम्पन्न 51 विद्वान हुए सम्मिलित
  • श्री महावीर जी संग्रहालय की दुर्लभ जिन प्रतिमाऍ
  • देव शास्त्र गुरु अनुशीलन राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी सम्पन्न
  • भौतिकवादी संसार में शांत, सुखी जीवन का मार्ग*दशलक्षणपर्व* -डॉ निर्मल जैन (से.नि.) न्यायाधीश नई दिल्ली
  • जैन पर्व अनुशीलन राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी सफलतापूर्वक संपन्न
  • *महिला जैन मिलन पारस द्वारा आयोजित तीज कार्यक्रम में रजनी जैन वाइफ ऑफ राहुल जैन बनी तीज क्वीन*
  • Home
  • Contact Us