{कहने का तरीका}
डॉ. निर्मल जैन (जज)
बोलचाल। प्रकृति द्वारा प्रदत्त हम इंसानों के पास बोलचाल एक कमाल का उपहार है। जिसकी वजह से एक दूसरे को अपनी फीलिंग्स बता सकते हैं कि वे क्या सोचते हैं, एक दूसरे को समझा सकते हैं। लेकिन यह और भी कमाल है कि इस बेहतरीन उपहार के होते हुए भी हम लोगों में ‘मिसअंडरस्टैंडिंग’ बहुत है।
एक रात बादशाह अकबर ने सपना देखा कि खेत में गेहूं की बहुत सारी बालियां लगी हैं। एक गाय सारी बालियों को चर जाती है। बस एक को छोड़ देती है। बादशाह सपने का फल जानने को बेचैन हो गए। पंडितों और मौलवियों को बुलवाया। पंडितों और मौलवियों ने तिथियों की गणना की, ग्रहों की स्थिति का अध्ययन किया, चांद-सितारों को देखा। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह बड़ा अशुभ सपना है। इसका अर्थ है कि देखते-देखते आपके अलावा आपके परिवार के सभी लोगों की मृत्यु हो जाएगी। यह सुन कर बादशाह नाराज हो गए।
इसके बाद बादशाह ने बीरबल को बुलाया और सपने का अर्थ बताने को कहा। बीरबल ने बड़ी विनम्रता के साथ निवेदन किया- बादशाह सलामत, अल्लाह आपको रोज ऐसे सपने दिखाए। बादशाह थोड़ा नाराज हो कर बोले कि हर समय मजाक अच्छा नहीं होता। बीरबल बोले-यह मजाक नहीं, हकीकत है। सपना बहुत अच्छा है। इसका अर्थ है कि आपसे ज्यादा लंबी उमर आपके खानदान में और किसी की नहीं है।
अकबर खुश हुए। उन्होंने बीरबल को एक हाथी इनाम में देने की घोषणा की। पंडितों और मौलवियों ने जब बीरबल पर बादशाह की चापलूसी करने का आरोप लगाया तो उन्होंने जवाब दिया-
मैंने भी उन्हें वही कहा जो आपने कहा था। बस कहने का तरीका अलग रहा। मर्यादित और सम्यक वाणी मानवीय गुणों में प्रथम स्थान पर है। अगर कड़बी बात भी सही तरीके से कही जाए तो वह बुरी नहीं लगती। किसी क्लास में बोलना नहीं सिखाते, बोलने वाले का बोलना बता देता है किस क्लास का है। अगर कड़वी बात भी सही तरीके से कही जाए तो वह बुरी नहीं लगती।।