{सर्वपितृ अमावस्या, अकाल मृत्यु वालों का कब होता है श्राद्ध}
17 सितम्बर 2020 गुरुवार की है सर्वपितृ अमावस्या🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गुरुवार को अमावस्या का होना भारत के लिए सुख शांति प्रदायक है।
शास्त्रों के अनुसार बद्रीनाथ, व गयाजी मे श्राद्ध करने के बाद भी अपने पितरों के निमित्त पूरे वर्ष में पिंड रहित दो बार उनकी वार्षिक तिथि तथा अश्विन कृष्णपक्ष में नहीं हो तो सर्वपितृ अमावस्या को विधिपूर्वक श्राद्ध सम्पन्न करना चाहिए!
सम्भव न होतो सक्षेप में पितृ पूजा,तर्पण, ब्राम्हण भोजन, दरिद्रनारायण याचक भोजन,गायो को घास खिलाना,गो,काक,(कौवा),श्वान(कुत्ता),आदि को ग्रासरूप में भी श्राद्ध करा सकते है यदि ब्रह्नभोज सम्भव न हो तो आमानन्न(सूखा सिधा आटा, शक्कर,घी, दूध,आदि भोजन सामग्री एवं दक्षिणा, वस्त्र )का दान करे।
शस्त्र,जल,अग्नि,विष,दुर्घटना आदि अकाल मृत्यु के मृतकों का श्राद्ध चतुर्दशी तिथि में ही होता है,भले की उनकी मृत्यु किसी भी तिथि में हुई हो, तथा जिनकी मृत्यु तिथि सामान्य रूप से चतुर्दशी तिथि को हुई उनका श्राद्ध त्रयोदशी अथवा अमावस्या को लगाना चाहिये|
👉भुलवश किसी भी तरह से गलती के, क्षमा याचक है, आप का आशीर्वाद सदैव बना रहे
🙏जय श्री पितृ देवाय नम:🙏