Paras Punj

Main Menu

  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • खेल
  • ज्योतिष
  • हेल्थ
  • धर्म-कर्म
  • लेख-विचार
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा

logo

Paras Punj

  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • खेल
  • ज्योतिष
  • हेल्थ
  • धर्म-कर्म
  • लेख-विचार
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा
लेख-विचार
Home›लेख-विचार›हम वह आखिरी पीढ़ी के लोग हैं-संकलन👉पवन कुमार जैन “उस्मानपुर, दिल्ली”

हम वह आखिरी पीढ़ी के लोग हैं-संकलन👉पवन कुमार जैन “उस्मानपुर, दिल्ली”

By पी.एम. जैन
October 26, 2020
411
0
Share:
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमारी पीढ़ी ने देखा है वह ना तो हमसे पहले किसी पीढ़ी ने देखा है और ना ही हमारे बाद किसी पीढ़ी के देखने की संभावना लगती है।
👉हम_वह_आखरी_पीढ़ी_हैं जिसने बैलगाड़ी से लेकर सुपर सोनिका जेट देखें हैं। बैरंग ख़त से लेकर लाइव चैटिंग तक देखा है और असंभव लगने वाली बहुत सी बातों को संभव होता देखा है।
👉हम_वह_आखरी_पीढ़ी_हैं
जिन्होंने कई-कई बार मिटटी के घरों में बैठ कर परियों और राजाओं की कहानियां सुनीं, जमीन पर बैठ कर खाना खाया है, प्लेट में चाय पी है।
👉हम_वह_आखरी_लोग_हैं
जिन्होंने बचपन में मोहल्ले के मैदानों में अपने दोस्तों के साथ पम्परागत खेल, गिल्ली-डंडा, छुपा-छिपी, खो-खो, कबड्डी, कंचे जैसे खेल खेले हैं।
👉हम_वह_आखरी_पीढ़ी_के_लोग_हैं
जिन्होंने कम या बल्ब की पीली रोशनी में होम वर्क किया है और चादर के अंदर छिपा कर नावेल पढ़े हैं।
👉हम_वही_पीढ़ी_के_लोग_हैं
जिन्होंने अपनों के लिए अपने जज़्बात, खतों में आदान प्रदान किये हैं और उन ख़तो के पहुंचने और जवाब के वापस आने में महीनों तक इंतजार किया है।
👉हम_वह_आखरी_पीढ़ी_के_लोग_हैं
जिन्होंने कूलर, एसी या हीटर के बिना ही  बचपन गुज़ारा है। और बिजली के बिना भी गुज़ारा किया है।
👉हम_वह_आखरी_लोग_हैं
जो अक्सर अपने छोटे बालों में, सरसों का ज्यादा तेल लगा कर, स्कूल और शादियों में जाया करते थे।
👉हम_वह_आखरी_पीढ़ी_के_लोग_हैं
जिन्होंने स्याही वाली दावात या पेन से कॉपी,  किताबें, कपडे और हाथ काले, नीले किये है। तख़्ती पर सेठे की क़लम से लिखा है और तख़्ती घोटी है।
👉हम_वह_आखरी_लोग_हैं
जिन्होंने टीचर्स से मार खाई है। और घर में शिकायत करने पर फिर मार खाई है।
👉हम_वह_आखरी_लोग_हैं
जो मोहल्ले के बुज़ुर्गों को दूर से देख कर, नुक्कड़ से भाग कर, घर आ जाया करते थे। और समाज के बड़े बूढों की इज़्ज़त डरने की हद तक करते थे।
👉हम_वह_आखरी_लोग_हैं
जिन्होंने अपने स्कूल के सफ़ेद केनवास शूज़ पर, खड़िया का पेस्ट लगा कर चमकाया हैं।
👉हम_वह_आखरी_लोग_हैं
जिन्होंने गोदरेज सोप की गोल डिबिया से साबुन लगाकर शेव बनाई है। जिन्होंने गुड़  की चाय पी है। काफी समय तक सुबह काला या लाल दंत मंजन या सफेद टूथ पाउडर इस्तेमाल किया है और कभी कभी तो नमक से या लकड़ी के कोयले से दांत साफ किए हैं।
👉हम_निश्चित_ही_वह_लोग_हैं
जिन्होंने चाँदनी रातों में, रेडियो पर BBC की ख़बरें, विविध भारती, आल इंडिया रेडियो, बिनाका गीत माला और हवा महल जैसे  प्रोग्राम पूरी शिद्दत से सुने हैं।
👉हम_वह_आखरी_लोग_हैं
जब हम सब शाम होते ही छत पर पानी का छिड़काव किया करते थे। उसके बाद सफ़ेद चादरें बिछा कर सोते थे। एक स्टैंड वाला पंखा सब को हवा के लिए हुआ करता था। सुबह सूरज निकलने के बाद भी ढीठ बने सोते रहते थे। वो सब दौर बीत गया। चादरें अब नहीं बिछा करतीं। डब्बों जैसे कमरों में कूलर, एसी के सामने रात होती है, दिन गुज़रते हैं।
👉हम_वह_आखरी_पीढ़ी_के_लोग_हैं
जिन्होने वो खूबसूरत रिश्ते और उनकी मिठास बांटने वाले लोग देखे हैं, जो लगातार कम होते चले गए। अब तो लोग जितना पढ़ लिख रहे हैं, उतना ही खुदगर्ज़ी, बेमुरव्वती, अनिश्चितता, अकेलेपन, व निराशा में खोते जा रहे हैं। और 👉हम_वो_खुशनसीब_लोग_हैं, जिन्होंने रिश्तों की मिठास महसूस की है…!!
👉हम_एकमात्र_वह_पीढी_हैं  जिसने अपने माँ-बाप की बात भी मानी और बच्चों की भी मान रहे है|
लेख-विचार! संकलन👉पवन कुमार जैन”उस्मानपुर, दिल्ली”
Previous Article

जीते कोई भी, हार धर्म की ही ...

Next Article

🌷*शरद पूनम की रात दिलाये आत्मशांति एवं ...

0
Shares
  • 0
  • +
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

Related articles More from author

  • लेख-विचार

    अपने से भी तो पूछ कर देखें क्या हम भी अपने हैं?- डा.निर्मल जैन *जज*

    May 4, 2022
    By पी.एम. जैन
  • लेख-विचार

    अप्राकृतिक भोजन करने पर प्रकृति स्वयं ही दंड निर्धारित करती रहती है

    February 20, 2020
    By पी.एम. जैन
  • लेख-विचार

    लड़ने के बाद क्षमा माँगने की परम्परा क्यों?👉 क्षुल्लिका ज्ञानगंगा जी

    September 3, 2020
    By पी.एम. जैन
  • लेख-विचार

    प्रार्थना मजबूरी में ली जाने वाली दवा या जीवन-दायनी आक्सीजन?

    December 8, 2019
    By पी.एम. जैन
  • लेख-विचार

    कामनाओं पर हो लॉकडाउन तो पूरी धरा, पूरा गगन सब कुछ खुला-खुला👉डॉ निर्मल जैन (न्यायाधीश)

    May 15, 2021
    By पी.एम. जैन
  • लेख-विचार

    जुड़ना भी है और तोड़ने वालों की पहचान कर उनसे परहेज भी करना है

    August 21, 2020
    By पी.एम. जैन

  • जैन समाचार

    जैन मिलन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न

  • ज्योतिष

    फाल्गुन अमावस्या तिथि पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ 👉 पी.एम.जैन “पापी”

  • दुखद

    स्कूल में कविता के दो पैराग्राफ़ सुनाते-सुनाते एक मासूम बच्चा मौत की नींद सो गया

ताजा खबरे

  • 17 जनवरी को शनिदेव का कुम्भ राशि में प्रवेश जानिए शुभाशुभ योग
  • वैदिक ज्योतिष से जानिए इन पांच कारणों से आती है नौकरी-बिजनेस में बाधा, ये हो सकते हैं उपाय
  • दिखाओ चाबुक तो झुक कर सलाम करते हैं, हम वो शेर हैं जो सर्कस में काम करते हैं।-डॉ. निर्मल जैन (जज)
  • श्री सम्मेद शिखर जी प्रकरण- नवबर्ष पर समस्त जैन समाज की पहली जीत
  • 🌺नव वर्ष संकल्प🌺 नए साल को एक नयी परिपाटी प्रारंभ करें-डॉ.निर्मल जैन(जज से.नि.)
  • शास्त्रि-परिषद का विद्वत् शिक्षण प्रशिक्षण शिविर का द्वितीय दिवस
  • अहिंसा संविधान की मूल भावना-अशोक गहलोत मुख्यमंत्री (राजस्थान)
  • अंग्रेजी नूतन वर्ष 2023 पर विशेष : कलेंडर बदलिए अपनी संस्कृति नहीं -डॉ सुनील जैन, संचय, ललितपुर
  • शिखर जी प्रकरण पर संत गर्जना- जनबल से झुकती है सरकार, 18 दिसम्बर को लालकिला मैदान पर आओ 50 हजार
  • पांच सौ वर्षों के बाद नवरंगपुर मुनिराजों का मंगलप्रवेश

Find us on Facebook

विज्ञापन

मेन्यू

  • होम
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • खेल
  • ज्योतिष
  • हेल्थ
  • धर्म-कर्म
  • लेख-विचार
  • अपराध
  • राजनीति
  • शिक्षा

ताजा खबरे

  • 17 जनवरी को शनिदेव का कुम्भ राशि में प्रवेश जानिए शुभाशुभ योग
  • वैदिक ज्योतिष से जानिए इन पांच कारणों से आती है नौकरी-बिजनेस में बाधा, ये हो सकते हैं उपाय
  • दिखाओ चाबुक तो झुक कर सलाम करते हैं, हम वो शेर हैं जो सर्कस में काम करते हैं।-डॉ. निर्मल जैन (जज)
  • श्री सम्मेद शिखर जी प्रकरण- नवबर्ष पर समस्त जैन समाज की पहली जीत
  • 🌺नव वर्ष संकल्प🌺 नए साल को एक नयी परिपाटी प्रारंभ करें-डॉ.निर्मल जैन(जज से.नि.)
  • शास्त्रि-परिषद का विद्वत् शिक्षण प्रशिक्षण शिविर का द्वितीय दिवस
  • अहिंसा संविधान की मूल भावना-अशोक गहलोत मुख्यमंत्री (राजस्थान)
  • अंग्रेजी नूतन वर्ष 2023 पर विशेष : कलेंडर बदलिए अपनी संस्कृति नहीं -डॉ सुनील जैन, संचय, ललितपुर
  • Home
  • Contact Us