आगरा में होगा आचार्य पद प्रतिष्ठापन-समीर जैन”दिल्ली”
आगरा-: त्रिलोक तीर्थ प्रणेता, पंचम पट्टाचार्य परम पूज्य गुरुवर आचार्य श्री 108 विद्याभूषण सन्मति सागर जी महाराज के परम प्रभावक प्रियाग्र शिष्य परम पूज्य एलाचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज के पावन सान्निध्य में राजधानी दिल्ली व निकटवर्ती प्रदेशों में पिछले 14 वर्षों के दीक्षा काल में व्यापक धर्मप्रभावना संपन्न हुई है|
पूज्य एलाचार्य श्री की छलछलाती मंद-मंद मुस्कान हर बाल-वृद्ध को अपनी ओर सहज ही आकर्षित कर लेती है| लगभग 25 वर्षों की सतत संयम साधना से फलीभूत एलाचार्य श्री के अथाह ज्ञान भंडार, तप-त्याग-साधना, समाज-उद्धारक मानसिकता, स्व-पर कल्याण की भावना, एकता व संगठन, साधर्मी वात्सल्य, गंभीर चिंतन, धैर्य आदि अनेकों योग्य गुणों को देखते हुए यह कहना अतिश्योक्ति ना होगी कि पूज्य एलाचार्य श्री जैन धर्म के वाङ्ग्मय में एक प्रखर प्रकाश पुंज की भांति दैदीप्यमान नक्षत्र बनकर जगमगाएंगे|
अपनी सम्यक दृष्टि से इन गुणों को देखकर तथा गहन विचार-मंथन के पश्चात् गुरुभ्राता परम पूज्य सल्लेखनारत आचार्य श्री 108 मेरु भूषण जी महाराज ने एलाचार्य श्री को श्रमण परंपरा के वर्तमान में सर्वोच्च पद “आचार्य पद” पर प्रतिष्ठित करने का निर्णय ले लिया है| पिछले कुछ माह से आचार्य श्री द्वारा चातुर्मास पश्चात् मंगल मिलन हेतु लगातार सन्देश मिल रहा था और अब समय नज़दीक आने पर आचार्य श्री की ओर से पं. श्री धरणेन्द्र शास्त्री के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने मथुरा पधारकर एलाचार्य श्री को आचार्य श्री की इस भावना से अवगत करवाया तथा शीघ्र ही आगरा की ओर मंगल विहार करने हेतु निवेदन किया| अग्रज गुरुभ्राता के मनोभाव को ध्यान में रखते हुए पूज्य एलाचार्य श्री ने यह आदेश शिरोधार्य कर अपनी स्वीकृति प्रदान की|
उल्लेखनीय है कि आचार्य श्री 108 विद्याभूषण सन्मति सागर जी महाराज द्वारा दीक्षित तथा उन्हीं के कर-कमलों द्वारा एलाचार्य पद पर सुप्रतिष्ठित पूज्य एलाचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज से कई बार अलग-अलग आचार्य संघों ने, विद्वत-वर्ग व गणमान्य महानुभावों ने तथा विभिन्न समाजों द्वारा पदोन्नति हेतु निवेदन किया जा चुका है| परन्तु पदों की होड़ से स्वयं को दूर रखते हुए एलाचार्य श्री ने सभी निवेदनों को अस्वीकार करते हुए कहा कि गुरुवर आचार्य श्री के कर-कमलों से मिला हुआ पद छोड़कर अन्यत्र किसी संघ में शामिल होने का कोई विचार उनका नहीं है तथा साधु को कोई भी पद देने का अधिकार समाज को नहीं है| अत्यंत हर्ष का विषय है कि आचार्य पद प्रतिष्ठापन समारोह का आयोजन दिनांक 20 दिसंबर 2020 को एम. डी. जैन इण्टर कॉलेज, हरी पर्वत, आगरा में होने जा रहा है जिसमें गणिनी आर्यिका श्री 105 सृष्टि भूषण माताजी ससंघ के पावन सान्निध्य तथा क्षुल्लक श्री 105 योग भूषण जी महाराज के कुशल निर्देशन में समस्त मांगलिक क्रियाएं संपन्न होंगी| सरकारी आदेशों का पालन करते हुए आयोजित होने जा रहे इस समारोह में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उ.प्र. आदि विभिन्न प्रदेशों से अनेक गुरुभक्तों के सम्मिलित होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही|
👉 समीर जैन (दिल्ली)