” मानव, कर्तव्य धर्मों में तीन प्रमुख धर्म माने गए हैं –
वैयक्तिक धर्म, समाज धर्म और राष्ट्र धर्म । ‘वैयक्तिक धर्म’ व्यक्ति की सुख – सुविधा और विकास हेतु होता है।‘समाज धर्म’ में व्यक्ति और समाज की प्रगति की बात सोची जाती है,
जबकि ‘राष्ट्र धर्म’ में व्यक्ति, समाज और राष्ट्र तीनों की उन्नति निहित होती है । अतः सिर्फ एक राष्ट्र धर्म पालन से शेष दोनों धर्मों का निर्वाह स्वतः ही होता रहता है । इसलिए तीनों धर्मों में राष्ट्र धर्म को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया है ! धर्म – अध्यात्म के प्रसार द्वारा राष्ट्र की सेवा करना, उसकी सुख – शान्ति और समृद्धि – प्रगति बढाने का निष्ठापूर्वक प्रयास करना, यह राष्ट्र धर्म है ।
इसे आज का सबसे बडा धर्म कहा गया है।
मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक के निदेशक बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि कुमारी मनु की छब्बीसवी पुण्यतिथि पर चिर स्मृति में गत वर्षों की भातिं इस वर्ष भी अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ पंजियन
नई दिल्ली एवं भारतीय ज्योतिष विज्ञान एवं वैदिक खगोल शास्त्र संस्था जयपुर के सयुंक्त तत्वावधान में मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक द्वारा अठारहवाँ अखिलभारतीय ज्योतिष महा सम्मेलन एवं संगोषठी का आयोजन दिनांक 19-20 दिसम्बर शनिवार-रविवार, स्थान-जानकी बाई गेस्ट हाउस टोंक में कोविड-19 की अनुपालना में किया जा रहा है जिसमें 19 दिसम्बर शनिवार को सुबह 11 बजे कोविड-19 शान्ति हवन यज्ञ एवं निशुल्क परामर्श एवं 20 दिसम्बर रविवार को सुबह 10 बजे से सायं 6 बजे तक ज्योतिष महा सम्मेलन जिस में परिचर्चा विषय-1 कोरोना वायरस महामारी ज्योतिषीय विश्लेषण एवं बचने के उपाय 2 आध्यात्मिक उपरी बाधाओं का निवारण एवं उपाय रखे गए हैं,बाबूलाल शास्त्री ने बताया-:कि कोविड 19 की अनुपालना में वक्ता एवं विदवान, अपने लेख फोटो सहित डाक से भेज देवे एवं पंजीकरण करा लेवे, आयोजन समिति द्वारा उनको शोध कार्य एवं योग दान के अनुरूप सम्मानित किया जायेगा
आप सभी विदवानो दैवज्ञों मनीषियों से निवेदन है कि आप का हमारा मिलना जरुरी नहीं है आप का सुरक्षित रहना जरुरी है क्योंकि आप के कंधों पर राष्ट्र के साथ साथ परिवार की भी जिम्मेदारी है अतः खुद सुरक्षित रहे, 🙏