#नोनेरा जैन मंदिर👉जीर्णक्षीण हालत और 60 सालों से तालों में जकडे़ 528 वर्ष प्राचीन जैनमंदिर का हो रहा है जीर्णोध्दार!👉करें दान और बनें महान


उत्तर भारत का एक ऐसा दिगम्बर जैन मंदिर जोकि लगभग 60 सालों से तालों में बंद रहा,जिसकी स्थापना लगभग 528 वर्ष प्रचीन है! यह दिगम्बर जैन मंदिर जिला भरतपुर (राजस्थान) की कामां तहसील के अंतर्गत “ग्राम नोनेरा” में👉श्री 1008 चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर के नाम से सुप्रसिद्ध है,गाँव में जैन समाज न होने के कारण यह मंदिर तालों में सालों तक जकड़ा (बंद) रहा लेकिन आज भी इस शिखर युक्त जैन मंदिर जी से देवताओं का पालयन नहीं हुआ! इसलिए इस मंदिर जी के चमत्कारी होने की गाथा गाँव के निवासी और मंदिर जी की दीवार से सटे मकानदार आज भी बताते हैं कि सुबह-सुबह की बेला में इस चमत्कारी श्री जिन मंदिर जी से घंटियों की आवाज आती हैं साथ ही साथ कुछ ऐसी मान्यता भी सुनने को मिलती है कि जो व्यक्ति पवित्र मन और आस्था के साथ इस मंदिर जी की ओर मुख करके मन ही मन सुख-शाँति और सुख-समृद्धि हेतु कुछ भी ध्याता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है|
👉बन्धुओं ! उपरोक्त सभी चर्चाऐं ग्राम निवासियों के कथनानुसार प्रस्तुत हैं लेकिन मैं आज से लगभग 4 वर्ष पुरानी कुछ बातें साझा कर रहा हूँ जो मैंने और कामां जैन समाज के कुछ गणमान्य लोगों के साथ अपनी आँखों देखा और सुना था!
मैंने आचार्य 108 श्री ज्ञानभूषण जी मुनिराज के प्रवचनों में नोनेरा जैन मंदिर का ज़िक्र कई बार सुना है शायद आपने भी सुना होगा कि” कांमा से लगभग 14 किमी.जुरहरा से 6 किमी.और होड़ल पलवल(हरियाणा) से 18किमी की दूरी से “T पाइंट” पर नोनेरा ग्राम में एक ऐसा दिगम्बर जैन मंदिर है जो कई दशकों से बंद है जोकि देवरक्षित हो चुका है”👉कहते भी हैं कि कोई भवन सूर्य के 12 राशियों में भ्रमण अवधि (365दिन यानी1वर्ष) तक नहीं खुलता तो उस भवन में देवों का वास निश्चित हो जाता है!! मंदिर जी का जीर्णोद्धार कार्य प्रारम्भ होने के उपरांत अब मुझें ऐसा लगता है कि आचार्य श्री को प्रवचनों के बीच देव रचित कुछ ना कुछ आभास तो जरूर होता होगा जिसके कारण आचार्य श्री के श्री मुख से प्रवचनों के बीच कुछ ही क्षणों के लिए सही लेकिन नोनेरा दिगम्बर जैन मंदिर की ज़िक्र जरूर होता था! बन्धुओं तब की बातों से शायद अब यह सिद्ध होता है कि मानो रक्षित देवगण आचार्य श्री को निमित्त बनाकर श्री जिन मंदिर जी के जीर्णोध्दार हेतु समाज के बीच अलख जगा रहे हों और समस्त जैन समाज को जाग्रित कर रहे हैं|






बन्धुओं! यह विषय जब आस-पास की समाज के बीच आया तो गौरव जैन, उमेश जैन साथ के सर्वप्रथम कामां जैन समाज की भावना मंदिर जी के जीर्णोध्दार एवं जिनप्रतिमाओं की रक्षार्थ हेतु जाग्रित हुई और अब जीर्णोध्दार का कार्य शीघ्रता से कार्यवान्वित हो रहा है जिसमें आप सभी महानुभावों का सहयोग
सर्वमानव जाति के लिए पुण्य दायक सिद्ध होगा!!
👉अब जीर्णोद्धार कार्य प्रगति के कुछ चित्र-







बन्धुओं हमें सदैव ध्यान रखना चाहिए कि सहस्त्र यानी 1000 नवनिर्मित मंदिर बनवाना और सैकड़ों पंचकल्याणक करवाने से कई गुना अधिक पुण्यार्जन इस प्रकार के एक जीर्णक्षीण हालत में प्राप्त जिनमंदिरों के जीर्णोद्धार करने या उसमे यथाशक्ति सहयोग करने से प्राप्त होता है यह बात में नहीं कह रहा यह तो उच्चकोटि के सभी संतजन और शास्त्र कहते हैं|
👉किसी महापुरुष ने सही कहा है कि *पुण्य किसी को दगा नहीं देता और पाप किसी का सगा नहीं होता,जो कर्म को समझता है,उसे धर्म को समझने की जरूरत ही नहीं होती है।*
