मात्र परम्पराओं के निर्वाहन से मोक्ष नहीं मिलेगा -आचार्य अतिवीर मुनि

आचार्य श्री ने आगे कहा कि यदि हमने भगवान की भक्ति को मात्र पुण्यार्जन का ही साधन बना लिया तो निश्चित रूप से संसार तो बढ़ेगा ही परन्तु कहीं-न-कहीं पापाश्रव भी होगा| पुण्य की कामना से यदि पुण्य के कार्य भी करेंगे तो वांछित पुण्य भी क्षीण हो जायेगा| वर्तमान की विडंबना है कि जहाँ भी देखें धार्मिक क्रियाओं का तो बहुत बोलबाला है परन्तु उनके पीछे आत्मकल्याण के कितने भाव जागृत हैं, वह गणना गौण है| आचार्य श्री के सान्निध्य में दिनांक 9 अगस्त 2021 को रानी बाग महिला मंडल के तत्वावधान में हरियाली तीज के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया| उल्लेखनीय है कि आचार्य श्री के पावन सान्निध्य में जैन दर्शन के 23वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ भगवान का निर्वाण कल्याण महोत्सव दिनांक 15 अगस्त 2021 को भक्तिमय वातावरण में आयोजित किया जा रहा है|


