एटा- संयम साधक का उत्कृष्ट फल है समाधि|| मोक्षमार्ग पर बढने वाले
सच्चे साधक जो निरंतर अपनी
त्याग तपस्या के द्वारा असंख्यात गुणी
कर्मो की निर्जरा करते हुए सल्लेखना
समाधि के शिखर तक पहुँच जाते हैं
ऐसे ही साधक मुनि श्री विश्वानन सागर जी महाराज ने आज 14/10/21 गुरुवार को प्रातः 5:55 पर अपने ही गुरु पर पर. पू. गणाचार्य 108 श्री विराग सागर जी महाराज की चरण शरण में, गुरु के मुखारविंद से विशाल चिंतन व पंच णमोकार मंत्र का पाठ सुनते हुये, मृत्यु महोत्सव को पूर्ण किया।