सिन्धु सभ्यता मे जैन पंरपरा पर सार गर्भित वक्तव्य


इषी क्रम मे मुख्यअतिथि डा रेणुका पोरवाल जी ने अपने उद्बोधन मे कहा
मथुरा के कुछ प्रतीकों का साम्य सिन्धु सभ्यता मे देखा जा सकता है जिषे मैने अपनी पुस्तक मे और लेखो के माध्यम से कहा है
डा जोजेफ ने बहुत सुंदर सार्थक चर्चा करी और इस दिशा मे और शोध करने के लिए नई दृष्टि और प्रेरणा दी है।

बहुत ही सुंदर संचालन आयोजन की सहसंयोजक डा ममता जैन ने किया और आपने इष विषय मे रुचि रखने वाले युवाओ एवं शोधार्थियों को विशेष रूप से जोडकर इष आयोजन को सफल बनाया ।
कार्यक्रम के संयोजक शैलेंद्र जैन ने इस वेबीनार मे शामिल सभी वरिष्ठ जनो एवं युवा साथियों का आभार प्रकट किया तथा इषी विषय पर प्रकाशित पुस्तक (जैन मूर्तियों का उद्भव और विकास( डा ब्रजेश रावत) को कुंद कुंद ज्ञानपीठ से ज्ञानोदय पुरुस्कार मिलने पर बधाई दी तथा सभी को पुस्तक को दिखाते हुये उसकी जानकारी दी।
श्री वी सी साब ,डा अशोक जैन, डा शोमेश श्रीवास्तव, डा प्रभाकिरण जैन, डा यतीश जैन, आर पी जैन कपूर चंद जैन एवं अनेक विद्वान शोधार्थी युवा आदि ने शामिल होकर आयोजन को सफल बनाया।
शैलेंद्र जैन,अध्यक्ष
श्रीआदिनाथ मेमोरियल ट्रष्ट।


