3 दिनों के अल्प प्रवास के बाद जैन साधुओं का संघ पटना से नालंदा की ओर हुआ रवाना
*पटना सिटी :* शराबबंदी, नशामुक्ति पर बिहार सरकार की प्रशंसा करते हुए जैन आचार्य प्रमुख सागर जी महाराज ने कहा कि इस पवित्र भूमि को इतना पावन बनाना चाहिए कि जिस प्रकार सरकार ने प्रदेश को नशामुक्त बना दिया। उसी तरह इस भूमि को शाकाहारमय बना देना चाहिए। यह वही भूमि है जहां से अहिंसा परमो: धर्म: का संदेश पुरी दुनियां को भगवान महावीर ने दिया था। यहां के नागरिकों के मन-मानसिकताओं को अच्छा बनाना चाहिए, तभी इस बिहार का नाम आदर्श राज्य में गिना जाएगा।
बिहार अनेक महापुरुषों, संतों और भगवनतों की जन्म-कर्म भूमि है। यह पाटलिपुत्र तीर्थ वह पावन भूमि है, जहां से जैन धर्म के सबसे महान संत अडिग शीलव्रत धारी श्री सेठ सुदर्शन स्वामी को निर्वाण प्राप्त हुआ है। इस पवित्र स्थल पर आने मात्र से ही ऊर्जाओं का संचार होने लगता है। इस धरा पर तीर्थंकर महावीर, गौतम बुद्ध समेत अनेक जैन मुनि महाराज, साधु-संतों का पद विहार यानि पैदल यात्रा प्राचीनकाल से होता रहा है। इस कारण बिहार राज्य का नाम बिहार पड़ा।
*बड़ो का अनुभव और युवाओं की शक्ति से बदलेगी सृष्टि – युवा जैन मुनि*
दिगम्बर मुनि स्वकल्याण के साथ दूसरे के कल्याण की भी भावना रखते है। सांसारिक जीवन पर युवा जैन मुनि श्री प्रभाकर सागर जी महाराज ने कहा कि आजकल संयुक्त परिवार बिखरता जा रहा है। जब हमारे संयुक्त परिवार होते है तो सुख से रहते है, वो किसी को दर्द नही देते, हर मुसीबत-तकलीफो में साथ खड़े होते है। और जो अकेला होता है वह खुद दुःखी रहता है और दूसरों को भी दर्द देता है। शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए योग और प्राणायाम जरुरी है। मन को स्वस्थ रखने के लिए ध्यान और अच्छे विचार जरूर करें। तो जीवन में सफलताएं जरूर मिलेगी। धन का सदुपयोग सेवा कार्य में करें। तभी तुम्हारा धन भी सार्थक होगा। समाज को प्रेरणा देते हुए कहा कि बड़े-बुजुर्गों का अनुभव और युवाओं की शक्ति ही सृष्टि बदलने का सामर्थ्य रखता है।
*पटना से हुआ मंगल विहार, 24 को कुण्डलपुर में होगा केशलोंच*
मीडिया प्रतिनिधि प्रवीण जैन ने बताया किजैन आचार्य प्रमुख सागर जी का केशलोंच 24 मई को नालंदा स्थित कुण्डलपुर तीर्थ पर सम्पन्न होने की संभावना है। जिसमें दिगम्बर जैन संत अपने हाथों से स्वयं के सिर-दाढ़ी के बालों को खींचकर निकालेंगे। साथ ही बताया कि 3 दिनों के पटना प्रवास के उपरांत जैन साधु-साध्वीयों का संघ सेठ सुदर्शन स्वामी की निर्वाण भूमि कमलदह जी, पटना शहर के कदमकुआँ पार्श्वनाथ जैन मंदिर और मीठापुर जैन मंदिर के दर्शन उपरांत सुदर्शन पथ स्थित दिगम्बर जैन मंदिर गुलजारबाग से शुक्रवार को प्रातः 4 बजे पंचतीर्थ पावापुरी, कुण्डलपुर, राजगृह जैन तीर्थ होकर झारखण्ड के सम्मेद शिखर जी के लिए रवाना हुए। सुबह में पटना सिटी के जिरिया तमोलीन गली अवस्थित प्राचीन दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर, कचौड़ी गली स्थित जैन मंदिर, लंगूर गली स्थित नवजीर्णोद्वार श्री पार्श्वनाथ गुरारा जैन मंदिर का दर्शन-ध्यान करके महाराज श्री की अहिंसा पदयात्रा आगे की ओर बढ़ी। जैन संतों की आहारचर्या और दोपहर का विश्राम सबलपुर विष्णु मंदिर में संपन्न हुआ।
इस दौरान पटना जैन समाज और युवाओं का उत्साह देखते बन रहा था। सभी पूरे मन और उल्लास के साथ महाराज श्री के मंगल विहार में शामिल हुए। जिसमें अशोक जैन छाबड़ा, प्रवीण जैन, धीरज जैन सेठी, सुबोध जैन पहाड़िया, पंकज जैन, सीए राहुल जैन, तिलक, शशि, टिंकू समेत अन्य काफी संख्या में गुरुभक्तों की सक्रिय भूमिका रही। साथ ही जैन संतों के संघ में दर्जनों जैन श्रद्धालु विगत कई महीनों से पैदल यात्रा कर रहे है।
*प्रेषक : प्रवीण जैन (पटना)* 20.05.2022 📲7654062882