मथुरा के एक स्थानीय होटल में इलेक्ट्रोपैथी डॉक्टरों द्वारा एक राष्ट्रव्यापी सम्मेलन किया गया जो दो दिवसीय था आज सम्मेलन मैं दूसरे दिन इलेक्ट्रोपैथी की दवा बनाना एवं उसका उपयोग करने के लिए सेमिनार हुआ जिसमें बताया गया कि पल्स के द्वारा मरीज की बीमारी को पता करना तथा उसका सफल इलाज कैसे करना है तथा इलेक्ट्रोपैथी पद्धति को जन-जन तक पहुंचाना मुख्य उद्देश्य साथी डॉक्टर साहब द्वारा बताया गया राष्ट्रव्यापी मथुरा मैं पहला सेमिनार किया गया है इसके बाद और सेमिनार किए जाएंगे जिससे कि इलेक्ट्रोपैथी पद्धति का प्रचार जन जन तक पहुंचे तथा डॉक्टरों के द्वारा बीमारी के लिए भी चर्चा हुई,
डॉ संजीव शर्मा ने बताया इलेक्ट्रोपैथी में पेड़-पौधों के अर्क से विशेष विधि द्वारा बनी दवाओं का उपयोग होता है। जो शरीर के रक्त व रस को शुद्ध करके शरीर को स्वस्थ करती हैं
इलेक्ट्रो का अर्थ शरीर में पाए जाने वाली धनात्मक व ऋणात्मक शक्ति है, होम्यो का अर्थ समानता एव पैथी का अर्थ चिकित्सा व सिद्धांत से है। अत: इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से मनुष्य में असामान्य शक्ति को पेड़-पौधों से प्राप्त रस में उपस्थित धनात्मक व ऋणात्मक शक्तियों के द्वारा समान किया जाता है
डॉ संजीव शर्मा, डॉ सुरेन्द्र ठाकुर, डॉ जगजीत गिल, डॉ जगतार सिंह शेखों,पंजाब एवं हिमाचल
, डॉ वंदना राजपूत उत्तराखंड, डॉ जसवीर कटारिया पंजाब, डॉ आर पी राजपूत उत्तराखंड, डॉआर पी सैनी, डॉक्टर एस के गौड, डॉ योगेश सैनी, आदि जिलों से आए चिकित्सक गण, सहित 16 राज्यों के चिकितसक मौजूद रहे।-डॉ विमल शर्मा (सदर बाजार मथुरा)