#ज्योतिष ज्ञाताओं एवं समस्त विद्वानगणों से करबद्ध निवेदन-पी.एम.जैन



मैं सभी ज्योतिष ज्ञाताओं, विद्वानगणों से करबद्ध निवेदन करता हूॅं कि- आज के आधुनिक दौर में दो दिवसीय युक्त तिथियों संबंधित त्यौहारों के संदर्भ में संभव हो सके तो सप्ताह के उदय दिनों जैसी स्थिति विशेष त्यौहारों के वास्ते निर्धारित करनी चाहिए जैसे- आज गुरुवार है कल शुक्रवार है बस मामला खत्म क्योंकि आज नवयुवक पीढ़ी सूक्ष्मता से मुहूर्तों को झंझट समझने लगी है इसलिए मेरा मानना है कि इस वर्ष 2022 के रक्षाबंधन की भाॅंति भविष्य में आपसी वाद-विवाद, तर्क-वितर्क जैसी किसी प्रकार हास्यपद स्थिति पैदा न हो इसलिए लिए सर्वसम्मत से सूर्योदय कालीन तिथि को ही मान्यता देने की अधिक से अधिक कोशिश करनी चाहिए तभी हमारी एकता की डोर मजबूत रहेगी साथ ही साथ जनता-जनार्दन का ज्योतिष शास्त्र और ज्योतिषीयों व वास्तविक रूप से ज्ञानी पंडितों के प्रति विश्वास जीवंत व अटूट बना रहेगा। महानुभाव आज दो दिवसीय रक्षाबंधन 2022 की स्थिति को देखते हुए यह विषय बहुत ही गम्भीरता से विचार करने का विषय बन गया है। सर्वसम्मति से अगर विचार नहीं किया गया और पंचमकाल व षड़यंत्रकारियों की चाल के साथ साथ समय की माॅंग को पहचाना नहीं गया तो, आज नहीं तो कल यह कुछ *परचूनी पंडित* हमारी भावनाओं को आहत करते हुए हमारी धरोहर को भी नुुुकसान पहुॅंचा सकते हैं।
नोट-मैं अपने कटु शब्दों और किसी प्रकार की त्रुटि के लिए समस्त विद्वानगणों से क्षमायाचना करता हूॅं। -पारसमणि जैन*ज्योतिष विचारक* दिल्ली। मो. नम्बर-9718544977
