खण्ड ग्रास सूर्य ग्रहण, खण्ड ग्रास सूर्य ग्रहण कार्तिक कृष्ण अमावस्या मंगलवार 25 अक्टूबर को घटित होने जा रहा हैं वर्ष का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण तुला राशि में होगा तुला राशि में सूर्य नीच के माने जाते हैं इसलिए वे अशुभ फल देते हैं. इस बार सूर्य ग्रहण के समय सूर्य देव के साथ चंद्रमा, शुक्र और केतु भी तुला राशि में रहेंगे, जिससे तुला राशि में चतुर्ग्रही योग बनने जा रहा है. साथ ही इन ग्रहों पर राहु की सातवीं एव शनि की दशम दृष्टि रहैगी ! इस योग का अनिष्ट प्रभाव अधिकांश राशियों पर पड़ेगा यह समय विशेष तौर पर संकट कारक हो सकता है.
मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक के निदेशक महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि खण्ड ग्रास सुर्य ग्रहण पुर्वी भारत के अलावा सम्पूर्ण भारत में दिखाई देगा, भारत के पुर्वी राज्यों अरुणाचल प्रदेश नागालैंड मणिपुर मिजोरम त्रिपुरा तथा असम मेघालय के अधिकांश भागों में ग्रहण स्पर्श से पुर्व ही सूर्यास्त होने के कारण दिखाई नहीं देगा, भारत के अलावा यह ग्रहण युरोप दक्षिण पश्चिम एशिया उतर पुर्व अफ्रीका अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा, ग्रहण का सुतक 25 अक्टूबर को सुबह 2.29बजे से शुरू होगा, ग्रहण स्पर्श दिन में 2.29बजे से शुरू हो कर सायं 6.40बजे समाप्त होगा ग्रहण की अवधि 4.03 घंटे की होगी, सूर्यास्त सायं 5.46पर होने से प्रभाव न्युनतम रहैगा, मिथुन, तुला मकर राशि वालों को अनिष्ट प्रभाव से बचने के लिए शान्ति निवारण करना आवश्यक होगा, सिंह धनु राशि को आकस्मिक लाभ एवं शेष को मध्यम रहेगा, ग्रहण मोक्ष के बाद दान, दक्षिणा, गायों को गुड़ आदि देने से अनिष्ट प्रभावो में कमी आयेगी !